1947 की रात भारतवर्ष का विखण्डन बहुत वीभत्स थाः अजय पाण्डेय
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये अजय पाण्डेय ने कहा कि देश का बंटवारा सैकड़ों वर्षों से होता चला आ रहा है। मेरे देश को मुगल द्वारा अंग्रेजों द्वारा भारत माता को 23 बार बांटा गया परन्तु 14 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि 11.59 मिनट पर मेरे भारतवर्ष का जो विखण्डन हुआ, वह बहुत वीभत्स था जिसमें लाखों हिन्दुओं विशेषकर महिलाओं की हत्या हुई थी। आज बताने और समझने की आवश्यकता है। हमको कमजोर करने के लिये फिरंगियों ने जाति व धर्म के नाम पर क्षेत्रों के नाम पर बांटा और हम टुकडे़ में बंटते चले गये। इतना ही नहीं, बटकर स्वयं में कमजोर होते चले गये। आज वह समय आ चुका है कि अपने भारतवर्ष की गौरव गाथा को पुनः दोहराने का हम सभी को एकजुट होकर लड़ना पड़ेगा।
श्री पाण्डेय ने कहा कि ठकुरानी से महतरानी के बीच की खाई पाटना होगा। जातिवाद व क्षेत्रवाद के जहरीले नाग को हिन्दूवाद को पिटारे में बंद करके हिन्दूवाद के नारे को बुलंद करना होगा। अखण्ड भारत की कल्पना को पूरा करना होगा। इसी क्रम में प्रान्तीय संगठन मंत्री काशी प्रांत संजय दुबे ने कहा कि अखण्ड भारत की परिकल्पना को लेकर अन्तरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद की स्थापना किया गया। हमें सुरक्षित हिन्दू चाहिए जिससे हम गर्व से कह सके। उन्होंने कहा कि भारत में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाया जाय। धर्मांतरण विरोधी कानून बने। मदरसों पर प्रतिबंध लगाया जाय। जिहादियों का आर्थिक बहिष्कार किया जाय। भारत ने रहने वाला कोई भी हिन्दू किसी प्रकार से असुरक्षित न हो।
संगठन के विस्तार पर जो देते हुये गांव-गांव व न्याय पंचायत, तहसील हमारे कार्यकर्ता हो जो एक-दूसरे के साथ कंधा से कन्धा मिलाकर अखण्ड भारत के संकल्प को पूरा कर सके। कार्यक्रम में धीरेन्द्र तिवारी, संतोष तिवारी, अभय तिवारी, अजय गौड़, जय प्रकाश उपाध्याय, उमेश तिवारी, अभिषेक यादव, बृजेश यादव, दिनेश कहार, आनन्द दुबे, उमंग त्रिपाठी सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। अन्त में चन्दन तिवारी ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।