19 मोहर्रम का निकला जुलूसे अमारी व अलम का जुलूस

 जौनपुर। गुरूवार की रात नगर के इमामबाड़ा कल्लू मरहूम में 19 मोहर्रम का कदीम जुलूसे अमारी, अलम, ताबूत व जुल्जनाह का जुलूस अंजुमन जाफरी मख्दूमशाह अढ़न के नेतृत्व में निकाला गया। देर रात्रि तक अंजुमन ने नौहा मातम कर कर्बला के शहीदों को नजराने अकीदत पेश किया।इससे पूर्व रात्रि 9 बजे मजलिस का आगाज सोजखानी से गौहर अली जैदी व उनके हमनवा ने किया। पेशखानी एहतेशाम, राहिब, मेंहदी शिराजी ने किया जिसके बाद मौलाना रहमत हुसैन नकवी लखनऊ ने मजलिस को खिताब करते हुए कहा कि कर्बला के शहीदों का आज हम लोग दसवां मना रहे हैं। 

10वीं मोहर्रम को हजरत इमाम हुसैन व उनके 71 साथियों की शहादत के बाद उनकी बहन जनाबे जैनब व अन्य महिलाओं, बच्चों व इमाम जैनुल आब्दीन को यजीदी हुकूमत ने कैदी बनाकर ऊंटो पर बैठाकर कर्बला से कूफा तक घुमाया था। यही नहीं जालिमों ने हर एक जुल्म इमाम हुसैन के परिवार वालों पर ढाया था जिनकी याद में आज हम लोग इकट्ठा होकर उनका गम मना रहे हैं। मजलिस के बाद शबीहे अलम, जुल्जनाह व ताबूत बरामद हुआ। अमारियों का परिचय कराने के लिए डॉ.कमर अब्बास ने तकरीर करते हुए कहा कि कर्बला में हजरत इमाम हुसैन की शहादत के बाद जिस तरह से यजीदी हुकूमत ने जुल्म ढाया उसको सुनते ही कलेजा फट जाता है। हजरत मोहम्मद स.अ. के नवासियों को बेपर्दा ऊंटो पर सवार कर कूफे से शाम व मदीने की गलियों में नंगे सर घुमाया गया उसे आज हम सब याद उनको पुरसा दे रहे हैं। यही नहीं यजीदी फौजों ने छह माह के बच्चे जनाबे अली असगर को इमाम हुसैन के हाथों पर शहीद करने बाद जब उन्हें दफन कर दिया गया था तो कब्रा से निकाल कर उनके साथ बेहुरमती की थी जो उनके जालिम होने का एलान करता है।

 इस दौरान हजारों की संख्या में अजादार अंजुमन जाफरी के नेतृत्व में नौहा व मातम करके अपना नजराने अकीदत पेश किया। अंजुमन के सरपरस्त सकलैन अहमद बल्लन व महासचिव तहसीन अहमद शाहिद ने सभी अजादारों के प्रति अपना आभार प्रकट किया।

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