लोकतंत्र में मतदाता व कार्यकर्ता सांसद व विधायक से ऊपर होते हैं : डॉ जेपी सिंह
इसलिए गठबंधन के रिजल्ट पर अकेले सपा उड़ने का काम न करे। आज गठबंधन की सरकार उत्तर प्रदेश में होती लेकिन मीडिएटरशिप व नेतृत्व का टिकटों के तुकमिजाजी ढंग से लिये निर्णयों से पार्टी के जनाधार व जिताऊ प्रत्याशियों को लड़ने से वंचित रखना पड़ा। कई सीटों पर सुबह शाम में प्रत्याशी बदले गए तो कई सीटों पर कई प्रत्याशियों को नामांकन कराया। लगभग सभी प्रत्याशियों को नामांकन के अन्तिम दिन ही सिंबल फाइनल हुआ । इन्ही कारणों से उन्हें अपने विधानसभा में जनसंपर्क करने व जनता को समझने व समझाने का मौका नही मिला।
जबकि सत्तापक्ष के अधिकांश प्रत्याशी लगभग छ माह पहले ही घोषित कर दिए गए थे और एक विशेष प्रकार के वोटर्स उधर ही जुड़ गए। हमने इस बार देखा कि किसी भी विपक्षी दल का प्रत्याशी फाइनल करने हेतु समितियां भी नही बनी थी। हम लोगों ने जिस हिसाब से मेहनत किया था अगर टिकट दश दिन और पहले घोषित हुआ होता तो और अधिक अंतर से चुनाव जीतते।
जिलाध्यक्ष द्वय बृजभान राजभर व अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष मोहम्मद अफजल ने एक स्वर में कहा कि 2024 की तैयारी हेतु सदस्यता व संगठन को मजबूत किया जाय। हरिलाल राजभर,डॉ सुनील राजभर, शैलेन्द्र राजभर,सुनील मास्टर राजभर, अजय राजभर,ईरशाद अंसारी, गुडडू सरोज, कृपाशंकर ,माया शर्मा, बीरेंद्र राजभर आदि लोग उपस्थित थे।