नगर पालिका अध्यक्ष व उनके पति समेत आठ आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज
एराकिया मोहल्ला के अब्दुल मन्नान ने सीजेएम कोर्ट में अध्यक्ष गीता जायसवाल, पति प्रदीप जायसवाल, लिपिक श्रीराम शुक्ल, दान बहादुर सिंह, गजाला, उमैर, अमन व रिमशा के विरुद्ध दफा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप लगाया था कि पूर्व मुतवल्ली फिरोज आलम वक्फ संपत्ति निर्धारित सूची में नाम दर्ज कराकर अंतरित करना चाहते हैं। यूपी सुन्नी बोर्ड लखनऊ ने प्रार्थी को मुतवल्ली नियुक्त कर पत्र वक्फ आयुक्त व जिलाधिकारी के माध्यम से पालिका अध्यक्ष को भेजा। उन्होंने आदेश का पालन नहीं किया, बल्कि अन्य आरोपितों से मिलीभगत कर मृत फिरोज के वारिसान गजाला, उमैर व रिमशा का नाम निर्धारण सूची में दर्ज कर लिया। वारिसान ने वक्फ की संपत्ति दान बहादुर सिंह के नाम मुख्तारेआम लिखवाकर बिक्री का अधिकार ले लिया, जबकि उक्त संपत्ति बिना वक्फ बोर्ड की अनुमति के बिक्री नहीं की जा सकती। वादी का आरोप है कि गत एक मई को दान बहादुर सिंह ने फोन कर उसे व उसके भाई को जान से मारने की धमकी दी। आरोपितों ने करोड़ों रुपये की वक्फ संपत्ति हड़पने की नीयत से आदेश 20 जून 2015 को निर्धारण सूची में हेराफेरी कर गायब कर दिया। न्यायालय ने कोतवाली पुलिस को मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया। इस पर कोतवाली पुलिस ने आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया।