एसडीएम ने की छापेमारी , पकड़ी गई नशीली और सरकारी दवाएं
यूपी सरकार की दवाएं आरएम मेडिकल स्टोर तक पहुंचने से पूरे महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। जो दवाएं मिली हैं, उनमें अधिकांश इसी जुलाई माह में एक्सपायर होने वाली थीं। मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज की जायेगी। अवैध दवाओं के इस काले खेल के पीछे पूरा रैकेट होने की आशंका है।
सदर एसडीएम हिमांशु नागपाल ने सरखावाजा पुलिस के साथ सिद्दीकपुर रोड स्थित मेडिकल स्टोर पर छापा मारा। मेडिकल संचालक मौके से फरार हो गया।इस दौरान दुकान के भीतर भारी मात्रा में नार्कोटिक्स ड्रग्स की दस हजार टैबलेट, कैप्सूल, इंजेक्शन और यूपी सरकार की ‘नॉट फोर सेल’ लिखी दवाओं के सैकङो कैप्सूल बरामद किए गए। उन्होंने ड्रग इंस्पेक्टर चंद्रेश चतुर्वेदी को इसकी सूचना दी तथा मौके पर पहुंचकर मेडिकल स्टोर को सील करने का आदेश दिया। मौके पर पहुंचे ड्रग इंस्पेक्टर चंद्रेश चतुर्वेदी दवाइयों की जांच के सैंपल लिए तथा उन्होंने बताया पकड़ी गईं दवाओं की कीमत दस से बारह लाख रूपये से जायदा आंकी गई है। भारी मात्रा में एक्सपायरी दवाएं भी पकड़ी गईं। आशंका है कि सभी दवाइयां जिला हॉस्पिटल से निर्गत की गई हैं हालांकि मामले की जांच होगी। सभी दवाओं को जब्त कर संबंधित धाराओं में मेडिसिन स्टोर संचालक राजेश कुमार यादव के खिलाफ दवाईयों की जांच के बाद सरायख्वाजा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।
मेडिसिन स्टोर पर मिलीं सरकारी दवाइयां 20 फीसदी से अधिक दवाएं इसी जुलाई माह एक्सपायर हो रही हैं। विभागीय सूत्रों ने बताया कि आम तौर पर मेडिकल स्टोर संचालक एक्सपायर हो चुकी दवाओं को पत्तों से निकालकर डिब्बियों में रख लेते हैं। इसके बाद इन दवाओं को या तो देहात के झोलाछाप को बेच देते हैं या फिर खुद ही आने वाले मरीजों को बेचते रहते हैं।
एसडीएम हिमांशु नागपाल ने बताया सूचना मिल रही थी कि सरकारी दवाई मेडिकल स्टोर पर बेची जा रही हैं उसी के क्रम में उन्होंने शनिवार को मेडिकल स्टोर पर छापा मारकर दवाइयों को सील करने का आदेश दिया। मौके से मेडिकल संचालक फरार हो गया जिसकी डीआई विभाग मेडिकल संचालक की जानकारी जुटा रहा है। और उन्होंने कहा कि आगे भी इस प्रकार की कार्यवाही होती रहेगी।