कैफ़ी आज़मी की शायरी को हमेशा याद रखा जाएगा : डॉ अब्दुल कादिर
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जौनपुर। मशूहर शायर कैफ़ी आज़मी साहब के 20वी पुण्यतिथि के अवसर पर मोहम्मद हसन पी,जी,कॉलेज के सभागार में उन्हें याद करते हुए प्राचार्य डॉ अब्दुल कादिर खान ने उन्हें एक कौमी एकता का बड़ा शायर बताया औऱ कहा कि उनके शेर ,नज्म गजले सभी आज भी लोगों के दिलो में अपना मकाम रखती हैं, जैसे उनका एक गीत कर चले हम फिदा जान तन साथियो ,अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों एक अमर गीत हैं, इतना ही नही उनकी गजल जो लोगो के दिलो को छू जाती हैं ,तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो,क्या गम हैं जिसको छुपा रहे हो,,आज भी हम सभी के दिलो में कैफी आजमी की ओ गीत गजल अपनी यादे ताजा किये हुए है ,कैफी साहब का जौनपुर विशेष कर मोहम्मद हसन से बहुत ही गहरा तालुक रहा है, हम सभी इन्हें याद करते हुए अपनी श्रद्धा सुमनः अर्पित करते है,कार्यक्रम में कैफी साहब के यादों को ताजा करते हुए डॉ अजय विक्रम सिंह ने कैफी साहब का उनके गांव से प्रेम का उल्लेख करते हुए उनका ही शेर "की मेरा बचपन भी साथ ले आया,गांव से जब भी आ गया कोई"साझा किया, साथ ही गाँव में आने वाले बाढ़ से उजरने वाले घरों की फ़िक्र अपने एक शेर में जाहिर की, दीवाना पूछता हैं लहरों में बार बार, कुछ बस्तिया यहाँ थी बताओ किधर गयी"इस तरह ओ अपने गांव से बहुत प्यार करते थे, इस अवसर पर डॉ जीवन यादव, डॉ विवेक विक्रम सिंह, सुमित सिंह उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन अहमद अब्बास ने किया।