वालदैन की ख़िदमत करने वाला दुनिया व आख़ेरत में है कामयाब: सै.गुलाम हुसैन
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जौनपुर। रविवार को बलुआघाट स्थित मकबूल मंजिल में मजलिसे चेहलुम मरहूूम सै. सादिक मेंहदी को ख़िताब करते हुए ईरानी कल्चर हाउस दिल्ली से आये मौलाना सै.गुलाम हुसैन ने कहा कि मां बाप की ख़िदमत करके ही इंसान जन्नत में जाने का रास्ता खोल सकता है जिसने अपने वालदैन की ख़िदमत नहीं की उसे दुनिया तो बुरा कहती है अल्लाह भी जन्नत का रास्ता उसके लिए बंद कर देता है। उन्होंने कहा कि कर्बला में हज़रत अली के बेटे इमाम हुसैन ने अपनी शहादत देकर पूरी इंसानियत को बचाया है और हमें उनके बताये रास्ते पर चलने की जरूरत है।
इमाम हुसैन के बीमार बेटे हज़रत जै़नुल आब्दीन ने अपने बाबा की शहादत के बाद जो ज़ुल्म यज़ीदी फौजों द्वारा किया गया था उसे सुनते ही रूह कांप जाती है। कई सालों तक इमाम अपने बाबा के ग़म में रोते रहे। इससे पूर्व मजलिस में सोज़खानी असग़र मेंहदी बबलू मुज़फ्फरनगर ने पढ़ा जबकि पेशखानी मेहदी मिर्जापुरी, रेहान मेंहदी, तनवीर जौनपुरी ने किया काशिफ ककरोल्वी मैं अपने दर्द भरे नोहे पढ़कर पूरे माहौल को रंगीन कर दिया। इस मौके पर मौलाना सै.सफ़दर हुसैन ज़ैदी, मौलाना गुलाम अली खां, मौलाना मोहसिन, मौलाना बाक़र मेंहदी, कासिम मेंहदी, काज़िम मेंहदी, खुर्शीदी मेंहदी, नेहाल हैदर, अज़मी मेंहदी, कर्रार मेंहदी, आरिफ अब्बास एडवोकेट,सैय्यद शहंशाह आब्दी, सैयद मंजर अब्बास,
अज़ादार हुसैन, नक़ी मेंहदी, मीसम अली, मोहम्मद हैदर, इरफान हैदर, रज़ा मेंहदी, कैफी रिज़वी, तौकीर हसन, तनवीर हसन बेलगरामी, महताब अली, शाहिद हुसैन, सक़लैन हैदर सहित अन्य लोग मौजूद थे। संचालन डॉ इंतजार मेहंदी शोहरत ने किया तथा आभार कुमैल मेंहदी व पूर्व सभासद शाहिद मेंहदी ने प्रकट किया।