मुंगराबादशाहपुर की जनता को मुख़्यमंत्री से है बड़ी आस , दे सकते है बड़ी सौगात
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जौनपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 20 सितंबर को मुंगराबादशाहपुर विधानसभा में आने का कार्यक्रम है । वह कई परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण करने के साथ ही जनसभा को संबोधित करेंगे। क्षेत्र के लोगों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री से कुछ बड़ी सौगात मिल सकती है।
मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए चार स्थानों पर भूमि देखने के साथ ही स्थल का चयन किया जा रहा है। फिलहाल इस क्षेत्र में दूसरी बार किसी प्रदेश के मुखिया का आगमन हो रहा है। इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी इस क्षेत्र में कार्यक्रम संबोधित कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 20 सितंबर को मुंगराबादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए कार्यक्रम स्थल की तलाश की जा रही है। जिम्मेदारों ने मुंगराबादशाहपुर नगर के हिदू बालिका इंटर कालेज, सार्वजनिक पीजी कालेज, मधुपुर स्थित नवयुग महाविद्यालय एवं सुजानगंज स्थित राष्ट्रीय इंटर कालेज समेत चार स्थल देखे गए हैं। इसमें से किसी एक स्थल का चयन कर कार्यक्रम कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री क्षेत्र के लोगों को कुछ बड़ी सौगात भी दे सकते है। वर्ष 2012 में सृजित इस विधानसभा क्षेत्र में प्रदेश के मुखिया का आगमन दूसरी बार होगा। इसके पूर्व 15 नवंबर 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आकर तरहटी गांव में जनसभा को संबोधित किए थे, लेकिन उन्होंने क्षेत्र की जनता को कुछ खास नहीं दिया। दूसरी बार आ रहे प्रदेश के मुखिया से क्षेत्रवासियों को काफी उम्मीदें हैं। क्षेत्र की प्रथम विधायक होने का गौरव प्राप्त कर चुकी राज्यसभा सदस्य सीमा द्विवेदी ने पूछे जाने पर बताया कि अभी कार्यक्रम स्थल तय नहीं हो पाया है। चिन्हित किए गए इन चार स्थानों में से किसी एक स्थान पर कार्यक्रम कराया जाएगा। वर्षों से लंबित है रेलवे ओवरब्रिज व बाईपास मार्ग का निर्माण
वैसे तो क्षेत्र में कई समस्याएं हैं, लेकिन रेलवे ओवरब्रिज व बाईपास निर्माण न होने से क्षेत्र के लोगों को आए दिन परेशानी का सामना करना पड़ता है। पूर्वांचल के कई जिले को लोग भी परेशान होते हैं। जौनपुर सहित आजमगढ़, बलिया, मऊ व गाजीपुर के लोगों को रेलवे क्रासिग बंद होने से प्रयागराज का सफर करने में घंटों जाम में जूझना पड़ता है। रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण वर्ष 2015 से लंबित है वहीं बाईपास निर्माण 2017 से प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री के आगमन से लोगों को उम्मीद है कि क्षेत्र की यह गंभीर समस्या अब सुलझ जाएगी।