दो अधिकारियों सहित एक लेखपाल को एक महीने की सश्रम कारावास की सजा
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जौनपुर। दीवानी न्यायालय के सिविल जज जूनियर डिवीजन शाहगंज मनोज कुमार यादव ने बुधवार को एक आवमानना के मामले में दो अधिकारियों सहित एक लेखपाल को एक महीने की सश्रम कारावास की सजा सुनाया है। हलांकि फैसला के समय अभियुक्त गण कोर्ट में उपस्थित नहीं थे। एक माह में अगर आदेश की अपील नहीं हुई तो तीनो को जेल में सजा भुगतना होगा। यह फैसला प्रशासनिक हलको में चर्चा का विषय बना हुआ है।
तहसील केराकत क्षेत्र स्थित चकतरी गांव (शुकुलकीतरी) निवासी जीत नरायन शुक्ला के एक जमीन के मुकदमे में वर्ष 2016 में सिविल कोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया था कि यथा स्थिति कायम रहे और कोई निर्माण आदि न किया जाये। स्थगन आदेश के बाद भी तहसील केराकत के एसडीएम रहे सहदेव मिश्रा और नायब तहसीलदार पीके राय तथा लेखपाल विनोद पटेल ने जबरिया सिविल कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए स्थगन की जमीन आराजी नम्बर 266 में चक मार्ग बनवा दिया था।
इसके बाद वादी जीत नरायन शुक्ला ने सिविल कोर्ट में तीनो राजस्व कर्मियों के खिलाफ आवमानना का वाद दाखिल कर दिया लगभग पांच साल तक मुकदमे के साक्ष्य और सहादत के पश्चात आज सिविल जज जूनियर डिवीजन शाहगंज मनोज कुमार यादव ने तत्कालीन एसडीएम सहदेव मिश्रा और नायब तहसीलदार पीके राय तथा लेखपाल विनोद पटेल के खिलाफ एक महीने की कारावास का सजा सुनाते हुए यह भी कहा कि एक माह के अन्दर अपील कर सकते है ऐसा न करने पर जेल में सजा भुगतना होगा। तीनो अभियुक्त चूंकि जौनपुर से स्थानांतरित हो कर गैर जनपद चले गये है इसलिए कोर्ट में अनुपस्थित रहे लेकिन उनकी पैरवी सरकारी अधिवक्ता कर रहे थे।