डॉ आरपी यादव ने दिया कोरोना से बचने का टिप्स, जानिए कैसे आप बच सकते है इस महामारी से

 

जौनपुर। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से कोरोना महामारी के विरुद्ध चलाये जाने वाले जागरूकता अभियान के अंतर्गत आज जौनपुर के वरिष्ठ फिजीशियन एवं छाती रोग विशेषज्ञ डॉ आरपी यादव ने जनता से संवाद स्थापित किया है। डॉ आरपी यादव का कहना है की हम चिकित्सक गण इस महामारी और उस से होने वाले रोग से लड़ रहे हैं और जौनपुर के विभिन्न चिकित्सालयों में कोरोना के विरुद्ध रोगियों का इलाज कर रहे हैं। जनता का ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहते हैं की कोरोना के रोगियों की तादाद में अचानक अत्यधिक इज़ाफ़ा हो जाने के कारण जनता को चिकित्सालयों में बैड मिलने में अवश्य कठिनाई हो रही है, किंतु हम लोग यह सार्थक प्रयास कर रहे हैं कि सभी की सहायता किया जा सके। आम जनमानस में यह भय बैठ गया है की यदि मुझको ऑक्सीजन नहीं मिली तो मेरी जान जा सकती है। आप लोगों को यह सुनिश्चित कराना चाहते हैं कि ऑक्सीजन की आवश्यकता केवल उन्हीं लोगों को है जिनकी ऑक्सीजन सैचुरेशन 90% से कम रहती है। ऐसे में आपको अवश्य चिकित्सालय जाना चाहिए एवं चिकित्सक से सलाह लेकर इलाज करवाना चाहिए, किंतु यदि चिकित्सक आपको सलाह देता है कि आप अब स्वस्थ हैं और घर जा सकते हैं, घर पर आप का इलाज संभव है, तो आपको चिकित्सालयों में बेड छोड़ देना चाहिए। इस स्थान का उपयोग कोई अन्य अधिक जरूरतमंद व्यक्ति कर सकता है। प्रायः यह देखा गया है कि रोगी या उसके रिश्तेदार चिकित्सकों को सलाह देते हुए पाए जाते हैं कि यह दवा चलाइए, वह दवा चलाइए अथवा वेंटीलेटर का इस्तेमाल कीजिए। आप लोगों से इस विज्ञप्ति के माध्यम से यह करबद्ध प्रार्थना है कि चिकित्सकों को अपना काम सुनिश्चित करने दीजिए। सारे चिकित्सक जनता के भले के लिए जी जान से जुटे हुए हैं और अपनी सीमित क्षमता के तहत जनता की सेवा करने की भरसक प्रयास कर रहे हैं। यह सर्वविदित है की क्षमता से अधिक आवश्यकता पड़ने पर किसी भी चीज की कमी हो जाती है। इसी प्रकार कहीं कहीं पर ऑक्सीजन की भी कमी है। इसके लिए चिकित्सक गण उतने ही चिंतित हैं जितने कि आप जनमानस के लोग, किंतु आप यह विश्वास रखिए की इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जौनपुर एवं जौनपुर प्रशासन इस इसके लिए भरसक प्रयास कर रहा है कि इसी प्रकार आप को ऑक्सीजन की कमी ना होने पाए। थोड़ा धैर्य रखने की एवं पैनिक नहीं होने की की आवश्यकता है। 

इस संबंध में आपको यह भी पुनः सुनिश्चित कराना है कि कृपया आप महामारी से बचने के जो विशेषज्ञों के सुझाव हैं, जैसे, मास्क लगाना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, सैनिटाइजेशन करते रहना, घरों से कम से कम या अत्यंत आवश्यक होने पर ही निकलना, समारोहों में ना जाना, इसका आप विशेष ध्यान रखें। यदि आप ऐसा करेंगे तो हो सकता है कि आप इस महामारी से बचे रहें और आपको चिकित्सालय में आने की आवश्यकता ही ना पड़े। आपको यह भी विदित कराना है कि इस रोग से लगभग 90% रोगी हल्के सर्दी जुखाम जैसे लक्षणों के बाद हल्की दवाओं से ही स्वस्थ हो जाते हैं। 10% रोगी कुछ गंभीर होते हैं जिनमें से लगभग 80% रोगी L2 लेवल पर जाते हैं। कुल रोगियों के 1% या 2% रोगी ही गंभीरता की ओर जाते हैं, जिनको वेंटीलेटर आदि की आवश्यकता पड़ सकती है। आपसे यह हमारा अनुरोध है कृपया पैनिक ना करें और पूर्व में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से जारी सुझाव पर अमल करते हुए, आवश्यकता पड़ने पर टेलीमेडिसिन नंबरों पर संपर्क कर ले और यदि संभव हो तो चिकित्सालयों में ना आए। किंतु आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सकों की सलाह से आप चिकित्सालय अवश्य जाएं और आवश्यकतानुसार अपना इलाज करवाएं ।

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  1. Self praise is no recommendation। Public is aware of adopting precautionary measures nd first aid to be initiated, needs no emphasis। Role of Specialist Doctors nd hospitals are known to everyone who doesnt have dare to see His patients nd stopped OPD nd charging heavy amount for tiny services rendered to पेशेंट्स4through their untrained nd subbordinate staff in ICU nd due to their connivance patients are loosing their lifes। Thanks to those Jhola Chhap Doctors, who are rendering their services to poor patients nd became real हीरो । Most of the public had lost faith from Pvt hospitals nd Degree holder specialist Doctors। Stay blessed।

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