प्राथमिक स्तर पर कोरोना वायरस को दूर करने का सारा उपचार घर में है : डॉ दिव्या राय
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जौनपुर। इस महामारी के समय हम लगातार चिकित्सकों एवं विशेषज्ञों के अनुभव आम जनमानस तक पहुंचा रहे हैं जिससे कोविड-19 को लेकर समाज में जो डर/भय व्याप्त है,उसे दूर किया जा सके इसी कड़ी में असिस्टेंट प्रोफेसर, गृह विज्ञान (आहार एवं पोषण) श्री अग्रसेन कन्या पीजी कॉलेज वाराणसी डॉ दिव्या राय ने कहां की हर व्यक्ति आज कोरोना वायरस और कोविड-19 नामक बीमारी से परिचित है, जैसे कि सभी व्यक्तियों तक संचार के माध्यमों द्वारा इसकी भीषण प्रकोप की हर सूचना पहुंच रही है और लोग बीमारी से ज्यादा इसके नाम से डर गए हैं।
आज के समय में इस बीमारी के कारण होने वाली मौतों ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। हर व्यक्ति के मन में एक डर बैठ गया है और यह डर इतना हावी है कि व्यक्ति ऐसे समय में किस प्रकार समायोजन करें यह नहीं समझ पा रहा है। ऐसे में लोगों से बातें करके लगातार उनका हौसला बढ़ाते हुए कुछ बातें जो मुझे समझ में आई है उसको अवगत करा रही हूँ, इस महामारी पर विजय पाने के लिए मै बताना चाहूंगी कि अगर किसी को पता चले कि उसे कोरोना है तो उसे बिल्कुल भी डरने या घबराने की आवश्यकता नहीं है और न ही इधर-उधर भागने की आवश्यकता है।
प्राथमिक स्तर पर इसको दूर करने का सारा उपचार घर में है बस बिना परेशान हुए आराम से सकारात्मकता के साथ उसे करते जाना है। प्रत्येक व्यक्ति अपने रोजमर्रा के जीवन में प्रतिदिन अपना आत्म मूल्यांकन करें कि उसे भोजन का स्वाद और सुगंध आ रहा है या नहीं और स्वयं अनुभव करें कि उसे आंखों में जलन और गले में खराश तो नहीं है या बेवजह अतिसार तो नहीं हो रहा है, यदि इस तरह का लक्षण उसे महसूस हो तो उसे नजर अंदाज न करें, बल्कि तुरंत घरेलू उपचार शुरू करें। जरूरी दवाइयों के साथ गर्म पानी नमक के साथ दिन में तीन चार बार गलाला करना, पानी में अजवाइन, सेन्हा नमक, हल्दी और तुलसी पत्ता डालकर तीन -चार बार भाफ जरूर लेना चाहिए। मानसिक तौर पर बिल्कुल यह महसूस न करें कि आप किसी महामारी की चपेट में हैं बल्कि स्वयं की सेवा राजा की तरह करें। ताजी फल व सब्जी का सेवन करें। गुनगुने पानी में नींबू डालकर कम से कम दिन में दो बार ले, अंडा, पनीर, दूध, खट्टे फलों की रस व सादा भोजन अपने आहार में शामिल करें। सुबह शाम प्राणायाम करें। सुबह धूप से पहले उठकर खुली हवा में लोगों से अलग हटकर आराम से बैठकर गहरी लंबी सांसे ले। अपने आप को अवसाद का शिकार बिल्कुल न होने दें। खुश रहें, अच्छे गाने सुने, लोगों से मोबाइल के द्वारा जुड़े रहे, हंसी- मजाक का माहौल बना कर रखें, दिन में दो-तीन बार 10-10 मिनट के लिए पेट के बल लेट कर आराम से श्वसन क्रिया करें यह आराम देगा। घबराहट में हॉस्पिटल न भागे, घर पर आराम से अपने डॉक्टर के संपर्क में रहते हुए अपना उपचार करते रहें। संक्रमण होते ही तुरंत स्थितियां खराब नहीं हो रही है। ऐसे बहुत सारे लोग व परिवारजन से निरंतर बात हो रही है और मैंने यह पाया कि जो नजाकत को समझते हुए तुरंत उपचार शुरू कर दे रहे हैं उन्हें चार-पांच दिन जाते-जाते राहत मिल जा रही है। लेकिन जो इस बात को मानना नहीं चाहते है कि हमे कोविड है वो लापरवाही के कारण ज्यादा समस्या झेल रहे हैं। मैं अपने अनुभव के आधार पर यही कहना चाहूंगी कि प्रयास करें कि बिना किसी अति आवश्यकता के बाहर न जाना पड़े, यदि किसी कारण से निकलते है और यह संक्रमण हो गया हो तो बिल्कुल बिना डरे, बिना घबराए चिकित्सक के परामर्श लेते हुए तुरंत घर पर उपचार शुरू कर दें। यह मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि लक्षण पहचानते ही उपचार शुरू करने पर सामान्य वायरल बीमारी की तरह ठीक हो जा रही है और लापरवाही होने पर यह जानलेवा भी हो जा रही है। निरंतर सरकार की गाइडलाइन को अपनाते हुए दूरी बनाए रखें, स्वस्थ रहें, प्रसन्न रहें, आपकी सावधानी और सकारात्मकता से ही महामारी पर विजय मिलेगी