आनन-फानन में बना दिया गया 40 बेड का एल-1 अस्पताल, बुनियादी सुविधाओं का टोटा
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जौनपुर। कोरोना संक्रमण के तीसरे फेज के खतरे से पूर्व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहगंज को आनन-फानन में 40 बेड का एल-1 अस्पताल तो बना दिया गया, लेकिन बुनियादी सुविधाओं को नजरअंदाज किया गया है। गंभीर मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल में एक भी विशेषज्ञ नहीं हैं। डाक्टरों के स्वीकृत आठ पदों में महज छह की ही तैनाती है। मरीजों के गंभीर होने पर उन्हें इलाज के लिए जिला मुख्यालय पर बने एल-2 लेवल के अस्पताल में भेज दिया जाता है। ऐसे में संक्रमितों की संख्या बढ़ने पर मौजूदा व्यवस्थाएं कम पड़ जाएंगी।
जहां एक ओर शाहगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ओपीडी सेवा बंद होने से मरीजों की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, वहीं डाक्टरों की कमी से इमरजेंसी में भी मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है। इससे मरीजों को मजबूरी में निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है। अस्पताल में मात्र दस आक्सीजन कंसंट्रेटर व दो आक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था है। विशेषज्ञ डाक्टरों का अभाव चिकित्सीय सुविधा पर पड़ रहा है। यही वजह है कि मरीजों को गंभीर होने पर उन्हें इलाज करने की बजाय रेफर कर दिया जा रहा है। यदि समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में अस्पताल प्रशासन के समक्ष चुनौती और बढ़ सकती है।