डेहरी गांव में डेढ़ माह में 30 लोगो की मौत से दहशत
इतना ही नहीं कुछ परिवारों में तो एक ही दिन में तो कुछ में सप्ताह के अंदर दो-दो मौतें हुई हैं। सुभाष के मुताबिक उनके ही घर में सप्ताह के भीतर दो मौतें हुईं। रिश्ते में उनके चाचा लगने वाले कामता यादव की मौत तीस अप्रैल को हो गई जो अस्पताल में भर्ती थे। इसके बाद सातवें दिन उनकी मां पियारी देवी भी दुनिया को छोड़ दीं। ग्रामीणों ने बताया कि कामता व राज बहादुर यादव दोनों पेशे से शिक्षक थे तथा दोनों की तबीयत चुनावों के बाद ही खराब हुई थी। गांव के ही शैलेश यादव कहते हैं कि मौतें कोरोना से हो रही हैं या सामान्य यह तो जांच का विषय है, लेकिन इस महामारी के दौर में प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग का रवैया बिल्कुल लापरवाही वाला है। गांव में एक दिन स्वास्थ्य विभाग की टीम आई थी और सिर्फ फर्ज अदायगी करके वापस लौट गई।