सातवें स्वरूप देवी कालरात्रि की आराधना की गई
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जौनपुर। वासंतिक नवरात्र की सप्तमी सोमवार को मां नवदुर्गा के सातवें स्वरूप देवी कालरात्रि की आराधना की गई। पूर्वांचल के शक्तिपीठ मां शीतला धाम चौकियां व अन्य प्रमुख मंदिरों के कपाट बंद रहे। इसके बावजूद बड़ी संख्या में भक्तों ने मुख्य द्वार पर ही शीश नवाया। वैसे अधिकतर भक्तों ने घरों में ही रखे गए कलश को मां कालरात्रि का प्रतीक मानकर घरों में ही सविधि पूजा व सप्तशती का पाठ किया।
कोविड-19 के लगातार बढ़ते संक्रमण को देखते हुए चौकियां धाम प्रबंधन ने रविवार से झांकी दर्शन भी बंद करने के साथ ही 26 अप्रैल तक कपाट बंद रखने का निर्णय लिया है। इसके बावजूद भोर से ही मंदिर के बंद कपाट के आगे भक्तों की लंबी कतार लगी रही। मंदिर के पुजारी शिव कुमार पंडा ने भोर में साढ़े चार बजे मां की मंगला आरती की। कतार में लगे भक्तों को मंदिर प्रबंधन ने बताया कि 26 अप्रैल तक मंदिर रहेगा। तब भक्तों ने बंद कपाट के सामने मत्था टेककर माला-फूल चढ़ाया। धाम परिसर स्थित मां काली मंदिर का भी कपाट बंद होने के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रवेश द्वार पर शीश नवाया। अन्य प्रमुख मंदिरों के भी कपाट नहीं खुले।