कोरोना महामारी को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने की जिले के बरिष्ठ डाक्टरों के साथ बैठक
चिकित्सकों ने यह निर्णय भी लिया कि इस क्रम में दैनिक समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया के द्वारा इस संक्रमण को रोकने के संबंध में जनता को उचित सलाह दिया जाए। इस क्रम में यह बताया गया की महामारी जो अपने भयंकर रूप में है, इससे सभी को सचेत रहने की आवश्यकता तो है किंतु व्यर्थ में पैनिक होने की आवश्यकता बिल्कुल नहीं है। सभी जनपदवासीगण को इस संक्रमण को रोकने में अपनी सहायता करने की आवश्यकता है। चिकित्सकों ने जनपदवासियों से आवाहन किया की बीमारी से डरकर व्यर्थ में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है इस रोग से 80 से 90 प्रतिशत रोगी घर पर रहकर ही ठीक हो सकते हैं। इस रोग का शुरुआती लक्षण सर्दी, जुखाम, बुखार, खासी, सीने में दर्द कभी-कभी दस्त लगना आदि है। ऐसे लक्षण के आते ही रोगी को तुरंत दवा का इस्तेमाल शुरू करना चाहिए। कोरोना से होने वाले संक्रमण से होने वाले रोग के लिए आईसीएमआर द्वारा एक चिकित्सकीय प्रोटोकॉल तैयार किया गया है जो सभी औषधि केंद्रों एवं सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है। इन दवाओं का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए। डॉक्टर से मुफ्त परामर्श लेने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जौनपुर अथवा ज़िला प्रशासन द्वारा जारी टेलीमेडिसिन नम्बरों पर सम्पर्क किया जा सकता है। सभी क्षेत्रवासी इन दवाओं को निकटतम सरकारी अस्पताल से ले सकते है। इसके अतिरिक्त यदि किसी रोगी को पल्स ऑक्सीमीटर से चेक करने पर ऑक्सीजन सैचुरेशन 93 परसेंट या इससे अधिक है तो उसको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। कुछ दिन में बुखार आदि ठीक होने की पूरी संभावना रहती है। ऐसे रोगियों को सलाह है कि 6 मिनट का वाक टेस्ट करके यह पता लगा सकते हैं कि उनको भविष्य में ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ेगी या नहीं। 6 मिनट तक कमरे में बिना किसी ऑक्सिजन सपोर्ट के रूम एयर पर औसत दर्जे की टहलने की एक्सरसाइज करें। उसके पश्चात ऑक्सीजन सैचुरेशन और पल्स ऑक्सीमीटर से नापे, यदि ऑक्सीजन सैचुरेशन 93 परसेंट से अधिक है तो उस रोगी को ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता बिल्कुल नहीं है और वह होम आइसोलेशन में ही ठीक हो सकता है। ऐसे रोगी अस्पतालों में भीड़ बढ़ाने के लिए न जाएं और आई एम ए द्वारा जारी टेलीमेडिसिन नंबरों पर संपर्क करके सलाह लेते रहे। यदि ऑक्सीजन सैचुरेशन कुछ कम होता है 93 प्रतिशत से कम होता है तो रोगी को चाहिए कि वह पेट के बल लेट कर यह देखें कि क्या उसका सिचुएशन नव 93 परसेंट से बढा या नहीं यदि यह बढ़ जाता है तो भी वह बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के ठीक हो सकता है। यदि उनकी कंडीशन में और अधिक खराबी आती है तो वह अवश्य निकटतम चिकित्सालय में जाकर चिकित्सकीय सलाह ले। यदि चिकित्सालयों में चिकित्सक यह राय देता है कि अब आप ठीक हैं घर जा सकते हैं तो ऐसे रोगी को चिकित्सालय तुरंत छोड़ देना चाहिए ताकि उनके द्वारा छोड़े गए स्थान पर कोई अधिक जरूरतमंद भर्ती होकर अपना इलाज करवा सके। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जौनपुर के सदस्यों ने टेलीमेडिसिन के लिए अपना नंबर पुनः जारी किया है। अंत में आई एम ए जौनपुर अध्यक्ष डॉ एन के सिंह एवम सचिव डॉ ए ए जाफ़री ने अपना धन्यवाद ज्ञापित किया।