दबंगो द्वारा अधिवक्ता पिता-पुत्र पर किये प्राणघातक हमले से आक्रोशित वकीलों ने किया कार्य बहिष्कार
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जौनपुर। अधिवक्ता पिता-पुत्र पर जानलेवा हमले से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने बुधवार को दीवानी न्यायालय बंद करा दिया। नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचें। यहां पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव किया। सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर आरोपितों के विरुद्ध धारा 307 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग की।
अधिवक्ता मुन्ना लाल विश्वकर्मा व उनके पुत्र मंगलवार को दीवानी न्यायालय से घर जा रहे थे। कबूलपुर बाजार में मोटर साइकिल सवार बदमाशों ने हाकी व डंडों से प्रहार कर हाथ- पैर तोड़ दिया। दोनों को मरणासन्न कर बदमाश फरार हो गए। आसपास के लोगों ने फोन से पुलिस को घटना की सूचना दी। पिता- पुत्र का उपचार चल रहा है।
साथियों पर जानलेवा हमले की जानकारी मिलते ही अधिवक्ता समुदाय आक्रोशित हो गया। न्यायालयों को बंद कराकर एसपी कार्यालय का घेराव किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीओ सिटी ने तत्काल पुलिस अधिकारियों से वार्ता कर आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कही। बार के पदाधिकारियों ने कहा कि हमलावरों की ओर से पैरवी न की जाए।
विरोध प्रदर्शन में अध्यक्ष समर बहादुर यादव, उपाध्यक्ष अरुण प्रजापति, मंत्री भूपेश चंद्र रघुवंशी, कमलेंद्र यादव, शरद जायसवाल, शैलेश मिश्र, शरतेंदु चतुर्वेदी, अजीत सिंह, विनोद श्रीवास्तव, बृजेश निषाद, हिमांशु श्रीवास्तव, निलेश निषाद, बृज नाथ पाठक, प्रेम नाथ पाठक, शहंशाह हुसैन, विजय प्रताप रजक, शिवराज यादव, पंकज श्रीवास्तव, अवधेश यादव आदि सैकड़ों अधिवक्ता उपस्थित थे।