जौनपुर। समाजवादी पार्टी कार्यालय पर डां राममनोहर लोहिया के जयंती के अवसर पर गोष्ठी का आयोजन कर उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया। शाहगंज विधायक शैलेंद्र यादव ललई ने कहा भारत की आजादी की लडाई में ही नहीं बल्कि आजादी के बाद भी देश में सामाजिक विषमता को समाप्त करने के लिए अनरवत संघर्ष में जीवनपर्यंत जुटे रहने वाले लोकनायक में राममनोहर लोहिया का नाम अग्रणी और अविस्मरणीय है, इसे विडंबना ही कहा जा सकता है कि नेहरू के शासनकाल में कमशः भारतीय जनत्तंत्र के वंशवादी कायाकल्प ने चारण परम्परा के इतिहास लेखक ने इस महापुरुष के साथ जो अन्याय किया है ,उस कारण वर्तमान पीढी के लिए यह नाम कमोबेश परिचित है हां राजनीति में सक्रिय कार्यकर्ताओं के खासकर प्रतिपक्ष की भूमिका निभाने वाले के प्रेरणास्रोत लोहिया निरन्तर बने रहे ,आज खासकर नौजवान साथियों को लोहिया को पढऩे की जरूर है जिससे सच्चा समाजवाद देश मे आ सके ।
पूर्व कैबिनेट मंत्री जगदीश नरायण राय ने कहा कि डॉ. लोहिया भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के सेनानी, प्रखर चिंतक तथा समाजवादी राजनेता थे। लोहिया के पिता हीरालाल अध्यापक थे और गांधी जी के अनुयायी थे। जब उनके पिता बापू से मिलने जाते थे तो साथ में लोहिया को भी ले जाते थे।
इसके कारण बापू के विराट व्यक्तित्व का उनके जीवन पर गहरा असर हुआ। उन्होंने पूरे जीवन गरीबों के हित के लिए संघर्ष किया।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए सपा जिलाअध्यक्ष लालबहादुर यादव ने कहा डां लोहिया जीवन भर जिन बातों के लिए संघर्ष करते रहे अपने अनुयायियों को प्रेरित करते रहे उनको मूर्त रुप देने का काम तथा उनके विचारों को जमीन पर उतारने और आगे बढाने का काम मुलायम सिंह यादव ने किया है आज वहीं काम अखिलेश यादव जी कर रहे है डां लोहिया जी ने ऐसे कई नारे दिया है जिसका हम लोग प्रेरणा मिलती हैं उन्होंने कहा था जिन्दा कौमें पाच साल इन्तज़ार नहीं करती, हर जोर जुल्म के टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है ,आज भी सडकों पर सुनाई पडता है लोहिया ऐसे ही समाज का निर्माण चाहते थे जिसमें सब जाति धर्म के लोग आपस में मिलकर रहे कार्यक्रम का संन्चालन जिलामहासचीव हिसामुद्दीन शाह ने किया।
गोष्ठी में मुख्य रूप से यशवंता यादव, राकेश मौर्या ,श्याम बहादुर पाल,राहुल त्रिपाठी, श्रवण जयसवाल,शकील अहमद, हिरालाल विश्कर्मा, रुक्शार अहमद, अनवारुल हक,दिनानाथ सिंह, शिवजीत यादव, भानु प्रताप मौर्य, पंकज यादव, कमालुद्दीन अंन्सारी,लालमोह्हमद रायनी,श्याम नरायन बिन्द, शकील मंशुरी, शेखू खाँ,मजहर आसिफअरशद कुरैशी,संन्दीप बिन्द लोरिक यादव,धीरज दूबे लक्ष्मी यादव, रिजवान हैदर, मेवालाल गौतम, धर्मेंद्र सोनकर, आदि रहे।