दहेज़ मांगने वालो को निकाह न पढ़ाए उलेमा : मौलाना राफ़े

 खेतासराय(जौनपुर) . मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना राफ़े ने कहा कि बारात शब्द न तो कुरान में और न ही हदीस में है,बारात ले जाने वाले लोग सीधे मुजरिम है।दहेज मांगने वाले लोगों का उलेमा उनका निकाह कदापि न पढ़ाए,वे समाज के दुश्मन है।ऐसे लोगों का बहिष्कार बेहद जरूरी है।कोई भी धर्म इजाज़त नही देता है बच्ची को सताया जाए। 

 वे जमदहा गांव में शुकवार की शाम राष्ट्रीय मानवाधिकार के प्रदेश उपाध्यक्ष ख़ुर्शीद अहमद के बेटी की शादी में वैवाहिक जोड़े को आशीर्वाद देने आए थे,इस दौरान वे पत्रकारो से बात कर रहे थे। धर्म गुरु श्री राफ़े ने कहा कि दोनों परिवारों को सामर्थ होने के बावजूद भी दहेज़ रहित विवाह किया है,उनकी जितनी भी तारीफ़ की जाए कम है।शादी को सादगी से करनी चाहिए,बेटिया अल्लाह की रहमत है। उन्होंने कहा कि दो सौ, तीन सौ बारात ले जाने वाले लोग बराती नही है,पूरे कम्यूनिटी के दुश्मन है।ये सिर्फ़ लोगों का नुकसान पहुँचाते है।दहेज का लेना और देना शरअन हराम है। धर्मगुरु मौलाना राफ़े ने उलेमाओं से अपील करते हुए कहा कि जो दहेज के लिए बच्चियों को सताता है,वो दूल्हा नही मुज़रिम है।ऐसे लोगों का निकाह कतई न पढ़ाए। इस मौके पर प्रमुख रूप से शेख सलाहुद्दीन,मौलाना अनवार कासमी,शहाबुद्दीन,हाजी जियाउद्दीन आदि लोग मौजूद रहे।

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