जहां बेटे की मौत हुई थी, उसी जगह मां और बेटी का खून से लथपथ मिला शव
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जौनपुर। सड़क हादसे में 10 वर्ष पूर्व पति की मौत हुई, फिर आज से करीब पांच वर्ष पूर्व रेलवे ट्रैक पर बेटे का शव मिला। इसके बाद मंगलवार सुबह जहां बेटे की मौत हुई थी, उसी जगह मां और बेटी का खून से लथपथ शव मिला। घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई।
वाराणसी-जफराबाद रेलखंड पर जलालपुर स्थित लहंगपुर गांव के पास मंगलवार सुबह रेलवे ट्रैक किनारे झाड़ियों में मां और बेटी का शव मिला।
रेलवे ट्रैक पर खून बिखरा था। घटना की सूचना मिलते ही सैकड़ों लोगों की भीड़ जुट गई। जानकारी होते ही पुलिस फोर्स पहुंची और घटनास्थल पर छानबीन में जुट गई। ट्रेन से कटकर मां-बेटी की मौत हो गई। उनका शव घंटों झाड़ियों में पड़ा रहा। पुलिस की मानें तो घटना का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि पति, बेटा, मां और बेटी की मौत के बाद एक परिवार उजड़ गया।
लहंगपुर गांव निवासी मंजू देवी (35) पत्नी स्व. राममिलन अपनी बेटी गरिमा यादव (15) के साथ रहती थीं। आसपास के लोगों ने बताया कि सोमवार की रात दोनों घर में ही देखी गई थी। मंगलवार की सुबह गांव के लोग रेलवे ट्रैक के किनारे गए तो वहां खून बिखरा था। थोड़ी दूर पर झाड़ियों में पहले मां और फिर थोड़ी दूर पर बेटी का शव पड़ा मिला। सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। शव को कब्जे में लेकर छानबीन शुरू कर दी है। गरिमा गांव के एक प्राइवेट स्कूल में कक्षा नौ की छात्रा थी।
ग्रामीणों के मुताबिक मंजू के पति स्व. राममिलन यादव की दस वर्ष पूर्व स्कूटर से कहीं जाते समय चोलापुर के पास सड़ृक हादसे में मौत हो गई थी। बताया कि करीब पांच वर्ष पूर्व मंजू के 12 वर्षीय बेटे का शव भी रेलवे ट्रैक किनारे मिला था।
उस समय वह घर से भैंस चराने के लिए निकला था। जहां बेटे की मौत हुई, उसी स्थान पर मंगलवार सुबह मां-बेटी का खून से लथपथ शव मिलने से लोग सकते में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ना जाने कैसी अनहोनी हुई कि 10 वर्षों में ही एक परिवार उजड़ गया। जलालपुर एसओ सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि घटना का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। मामले में हर बिंदुओं की जांच की जा रही है।