ओझा के कातिल को आसमान निगल गई या जमीन
जौनपुर। पांच महीने से अधिक वक्त बीत जाने के बाद भी पुलिस ओझा के कातिलों का कोई सुराग नहीं पा सकी है। हत्या की वजह क्या थी, यह भी पहेली बनी हुई है। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाए जाने लगे हैं।
बदलापुर थाना क्षेत्र के देवरामपुर गांव निवासी उमाशंकर यादव (45) ओझाई-सोखाई करता था। 13 अक्टूबर की सुबह रोज की भांति घनश्यामपुर बाजार में चाय पीने गया था। साइकिल से वापस आते समय रामजानकी मंदिर के पास पहुंचा था तभी अज्ञात हमलावरों ने उनके सिर के दाहिने तरफ धारदार हथियार से वार कर लहूलुहान कर दिया था। गंभीरावस्था में सीएचसी ले जाया गया जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। पुलिस बड़े पुत्र आशुतोष यादव की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल में जुट गई थी, लेकिन पांच माह बाद भी उसके हाथ खाली हैं। घटना को लेकर अभी भी तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। बावजूद इसके पुलिस का दावा है कि राजफाश के लिए टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं। मृतक का मोबाइल फोन नंबर सर्विलांस पर लगाकर काल डिटेल के साथ-साथ कई बिदुओं पर काम किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। प्रभारी निरीक्षक पवन कुमार उपाध्याय ने बताया कि राजफाश कर कातिलों की गिरफ्तारी के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है। ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री होने के नाते राजफाश में विलंब हो रहा है।