जौनपुर। शिराजे-ए-हिन्द में उच्च शिक्षा का प्रमुख केंद्र वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्विद्यालय विगत दो महीनों से बिना किसी स्थायी वित्त अधिकारी के हलकान है, कहने को सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्विद्यालय, वाराणसी के वित्तधिकारी के पास पूर्वांचल विश्विद्यालय के वित्त अधिकारी का प्रभार है लेकिन आज तक उन्हें एक दिन का भी समय नही मिला कि वे यहाँ की वित्तीय प्रकरणों पर कलम चला सकें। हालात ये हैं कि जहाँ शिक्षकों के मूल्यांकन का पारिश्रमिक, टी ए- डी ए ,वाइवा,थीसिस मूल्यांकन व अन्य फ़ाइल भुगतान स्वीकृत न होने की दशा में लम्बित हैं,वाह्य एवं आंतरिक विशेषज्ञ बिना भुगतान के खाली हाथ वापस लौट जा रहे हैं वहीं स्वयं विश्विद्यालय के बहुत सारे कार्य वित्त और भुगतान के अभाव में पटरी से उतर रहे हैं।
शिक्षक संघ अध्यक्ष डॉ विजय कुमार सिंह एवं महामंत्री डॉ राहुल सिंह ने कुलपति से भेंटकर इस गंभीर समस्या की ओर उनका ध्यान आकृष्ट किया।डॉ विजय सिंह ने कहा कि वित्त अधिकारी के न बैठने से शिक्षकों के हित की हानि हो रही हैं साथ ही विश्विद्यालय की छवि भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है और अब सब्र का बांध टूटता जा रहा है,यदि शीघ्र इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो संघ को कड़ा कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।वहीं महामंत्री डॉ राहुल सिंह का कहना है कि बार बार विश्विद्यालय प्रशासन का ध्यान इस और आकृष्ट करने के बाद भी अब तक कोई स्थायी निदान नही हुआ,शीघ्र ही परीक्षाओं का दौर शुरू होने वाला है फिर मूल्यांकन की प्रक्रिया भी प्रारम्भ होगी ऐसे में बिना स्थायी वित्ताधिकारी के सारे महत्त्वपूर्ण कार्य प्रभावित होंगे,कुलपति महोदय को शीघ्र ही इस समस्या का निदान करना ही पड़ेगा।अध्यक्ष और महामंत्री ने सोमवार को कुलपति से मिलकर इस विषय पर उनसे चर्चा की और संघ की तरफ से ज्ञापन सौंपा, जिसमें यह कहा गया कि यदि अविलम्ब इस समस्या का समाधान नही किया गया तो समस्त शिक्षक आन्दोलन के लिए बाध्य होंगें। ध्यातव्य हो कि 16 अप्रैल से विश्विद्यालय की वार्षिक परीक्षा प्रस्तावित है, यदि इस गम्भीर समस्या का समाधान न हुआ तो परीक्षा और उससे जुड़े अन्य कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो सकते हैं।