अवसाद, तनाव जैसी समस्याओं का समाधान प्राणायाम से ही सम्भवः डा. धु्रवराज
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जौनपुर। भारत स्वाभिमान न्यास व पतंजलि योग समिति जौनपुर के तत्वावधान में आयोजित 8 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का समापन योग व यज्ञ के साथ किया गया। समापन अवसर पर इं. सुभाष चंद्र पाल ने कहा कि प्राचीनतम विद्या योग साधना पद्धति के साथ चिकित्सा पद्धति भी है। इसी क्रम में शकुन्तला शुक्ला अधिवक्ता ने बताया कि क्रियात्मक और सैद्धान्तिक अभ्यास को नियमित और निरंतर अपने दैनिक जीवन चर्या में शामिल करके हम अपने परिवार को खुशहाल रख सकते हैं। साधकों को योग प्रशिक्षण शिविर में विभिन्न प्रकार के आसनों व्यायाम व प्राणायाम का क्रियात्मक अभ्यास डा. ध्रुवराज योगी व महेंद्र योगी द्वारा कराया गया। साथ ही योग साधकों को मोटापा और मधुमेह की समस्याओं से निजात हेतु अधिक से अधिक कपालभाति प्राणायाम, चक्की आसन, पादवृत्त आसन, त्रिकोण आसन, मंडूकासन, वक्रासन सूर्य नमस्कार करने के लिए प्रेरित किया गया। पतंजलि योग समिति के जिला महामंत्री डा. ध्रुवराज ने बताया कि अवसाद, तनाव जैसी समस्याओं का समाधान भी प्राणायाम के माध्यम से होता है। इसी क्रम में बड़े हनुमान जी मंदिर चक प्यार अली के महंत सूरदास और पुजारी भरत दास जी ने लोगों को योग करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर सुखदेव दास जी, नागेंद्र सुभाष, संदीप, हर्षित, शकुन्तला, अनीता, निर्मला, रामराज, सचिन, मनोज मिश्रा, सुनील यादव आदि लोग उपस्थित रहे।