शिक्षा में नैतिकता व सामाजिक मूल्य का समावेश होना चाहिए
अपने व्यक्तव्य में मुख्य वक्ता डॉ0 अजय कुमार दुबे ने कहा की छात्रों में मूल्य व परंपराओं का ज्ञान देने व वास्तविक क्रियाकलापों से अवगत कराने पर बल दिया, शिक्षा में नैतिकता व सामाजिक मूल्य का समावेश होना चाहिए ताकि ज्ञान कौशल परंपरा का उदय हो सके।
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य कैप्टन (डाॅ०) अखिलेश्वर शुक्ला ने नई शिक्षा नीति 2020 पर प्रकाश डालते हुए कहां की भारतीय शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार हेतु परिवर्तन आवश्यक है, ताकि सभी को शिक्षा सुलभ हो, विषय चुनने की आजादी, मातृभाषा का प्रयोग, वोकेशनल कोर्स का संचालन आदि विषयों पर बल दिया।
संकाय अध्यक्ष डॉ0 सुनीता गुप्ता ने गुरु शिष्य परंपरा को आगे बढ़ाने पर बल देते हुए कहा की नई शिक्षा नीति 2020 के लागू होने से वर्तमान में 10़2 मॉडल के स्थान पर 5़3़3़4 मॉडल के लागू होने पर प्रकाश डालते कहां की इस नीति से 2030 तक भारत की संपूर्ण जनता 100ः साक्षर हो जाएगी।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ0 सुशील कुमार गुप्ता ने कहा की परिवर्तन समाज का नियम है जो विकास के लिए संजीवनी का कार्य करते हैं तथा नई शिक्षा नीति 2020 में उच्च शिक्षा में हुए परिवर्तन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसमें बहु स्तरीय प्रवेश और निकासी व एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट प्रक्रिया लागू होने से बीच में पढ़ाई छूटने पर भी ऐसे लोगों को क्रमशः सर्टिफिकेट डिप्लोमा व डिग्री प्रदान की जाएगी तथा तथा छात्रों द्वारा प्राप्त अंक या क्रेडिट को डिजिटल रूप से सुरक्षित रखा जा सकता है।
इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य वक्ता डॉ0 अजय कुमार दूबे, प्राचार्य कैप्टन (डाॅ०) अखिलेश्वर शुक्ला तथा संकाय अध्यक्ष डॉ0 सुनीता गुप्ता, द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ किया गया, तथा छात्र-छात्राओं द्वारा मां सरस्वती की स्तुति बंदना व अतिथि स्वागत संस्कृतिक कार्यक्रम द्वारा प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर डाॅ0 अजय मिश्रा, डाॅ0 धर्म साहू, डाॅ0 श्याम सुंदर उपाध्याय, डाॅ0 अभय प्रताप सिंह, डाॅ0 अखिलेश गौतम, डाॅ0 यदुवंश कुमार, डाॅ0 अविनाश कौल, डाॅ0 गगनप्रीत कौर, डाॅ0 विवेक यादव, सुधाकर मौर्य, स्वयं यादव आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ0 निशिथ कुमार सिंह ने किया, तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 राजेश प्रसाद तिवारी ने किया।