अध्यापिका की 8 वर्षीय पुत्री ने अपना गुल्लक राम मंदिर निर्माण हेतु किया समर्पित
इसी मनोभाव के साथ ज्योति मिश्रा सहायक अध्यापक मिरशादपुर बदलापुर ने भी 25551₹ (पच्चीस हजार पांच सौ इक्यावन रुपया) की धनराशि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को श्री राम मंदिर निर्माण हेतु समर्पित किया और कहा कि, समर्पण सामर्थ्य से नहीं अपितु श्रद्धा से ही संभव है। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम हम सभी भारतवंशियों के लिए आराध्य के साथ-साथ समाज को एक सूत्र में बांधने का साधन भी हैं। जिस प्रकार समाज के सभी वर्गों के बलिदान और सहयोग से 500 वर्षों तक प्रभु श्री राम का के मंदिर निर्माण का आंदोलन चला उसी प्रकार अब हम सभी को प्रभु श्री राम के इस भव्य मंदिर के लिए एकजुट होकर यथा सामर्थ समर्पण करने के हेतु आगे बढ़ना चाहिए।
मिथिलेश नारायण ने कहा कि श्री राम हमारे लिए श्रद्धा और समर्पण के साथ प्रेरणास्पद भी है। हिन्दू समाज मैं कभी छुआछूत का कोई स्थान नहीं रहा है यदि ऐसा होता तो प्रभु श्री राम की गोद उतनी ही सुलभ गिद्धराज जटायु के लिए ना होती जितना कि अपने अनुज भ्राता लक्ष्मण के मूर्छित होने पर उनके लिए थी। प्रभु श्री राम ने और जंगलों में रहने वाली भीलनी जाति की माता शबरी के जूठे बेर खा कर समाज को यह प्रेरणा दी की माता सदैव पूज्यनीय और श्रद्धा स्पद होती है।
कार्यक्रम में अखिलेश चंद्र मिश्र जिला कार्यसमिति सदस्य भाजपा, डॉक्टर प्रमोद मिश्रा जिला संपर्क प्रमुख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजेश चंद्र मिश्र, स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ अधिकारी श्शैलेंद्र पांडे जटाशंकर सिंह जी श्री मैत्रेय मिश्र जी ने शताक्षी बिटिया को उसके अमूल्य योगदान के लिए अनंत आशीर्वाद दिया।