शहर की आबोहवा में घुलता प्रदूषण का जहर अब खतरनाक
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जौनपुर। शहर की आबोहवा में घुलता प्रदूषण का जहर अब खतरनाक रुप लेता जा रहा है। लगातार वायु गुणवत्ता सूचकांक देश के टॉप-10 में बना हुआ है। मंगलवार की रात जौनपुर देश के सबसे प्रदूषित शहरों में फिर शीर्ष पर रहा। शहर में बड़े कल कारखाने नहीं हैं बावजूद इसके बढ़ते प्रदूषण का कारण निर्माण कार्यों में मानक की अनदेखी को माना जा रहा है। निर्माण स्थलों से उड़ते धूल गुबार और धुएं के चलते शहर जहरीली गैस का चैंबर बनता जा रहा है।
लगातार बढ़ते प्रदूषण के चलते अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या ब ढी है। आंखों में जलन की समस्या से भी लोग परेशान हो रहे हैं। शहर में पचहटिया से नईगंज तक फोरलेन सड़क के निर्माण के लिए जगह जगह पटरी और सड़क खोद दी गई है। सीवर लाइन बिछाने के लिए रोडवेज तिराहे से टीडी कॉलेज, शेखपुर तिराहा, कचहरी रोड पर जोगियापुर से शेखपुर समेत कई अन्य प्रमुख इलाकों में सड़कें खोद दी गई हैं। इन इलाकों में दिन रात लगातार धूल उड़ रही है। इसके अलावा वाराणसी-सुल्तानपुर हाईवे को फोरलेन बनाने के लिए सवंशा, लखौवा, कुल्हनामऊ, सीहीपुर, पालपुर होते हुए हौज तक जगह जगह काम चल रहा है। इन इलाकों में भी धूल से बचाव के लिए नियमित रूप से पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा है। मौसम के जानकार डीपी उपाध्याय का मानना है कि आसमान में बादल छाए होने के कारण धूल गुबार और जहरीली गैसेें ऊपर नहीं जा पा रहा है। इससे भी वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है।