दो महीने तक अभियान चलाकर खतौनी में दर्ज किया जायेगा उत्तराधिकारियों के नाम : D.M
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जौनपुर। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने अवगत कराया है कि शासन के निर्देशानुसार निर्विवाद उत्तराधिकारियों के नाम खतौनी में दर्ज करने हेतु दिनांक 10 दिसम्बर 2020 से 10 फरवरी 2021 तक दो माह का विशेष अभियान चलाये जाने का निर्देश दिया गया है कि जिसके क्रम में 10 दिसम्बर 2020 से 25 दिसम्बर 2020 तक राजस्व/तहसील अधिकारियों द्वारा भ्रमण कर राजस्व ग्रामों में प्रचार प्रसार तथा खतौनियों का पढ़ा जाना तथा लेखपाल द्वारा वरासत हेतु प्रार्थना पत्र प्राप्त कर उन्हे आनलाईन भरा जायेगा।
26 दिसम्बर 2020 से 10 जनवरी 2021 तक क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा परिषदादेश संख्या 9616/4-34ए/2018(वरासत) दिनांक 29 अक्टुबर 2018 में दी गयी व्यवस्था ‘‘लेखपाल द्वारा आनलाईन जाॅच की प्रक्रिया’’ के अनुसार कार्यवाही किया जाना , 11 जनवरी 2021 से 26 जनवरी 2021 तक राजस्व निरीक्षकों द्वारा परिषदादेश संख्या 9616/4-34ए/2018 (वरासत) दिनांक 29 अक्टुबर 2018 में दी गयी व्यवस्था ‘‘राजस्व निरीक्षक जाॅच एवं आदेश पारित करने की प्रक्रिया’’ के अनुसार कार्यवाही किया जाना, 11 जनवरी 2021 से 26 जनवरी 2021 तक राजस्व निरीक्षक (कार्यालय) द्वारा राजस्व निरीक्षक के नामान्तरण आदेश को आर-6 में दर्ज करने के पश्चात् खतौनी की प्रविष्टियों को भूलेख साफ्टवेयर में अद्यावधिक करना, 27 जनवरी 2021 से 02 फरवरी 2021 तक जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार तथा उपजिलाधिकारी से इस आशय का प्रमाणपत्र प्राप्त किया जायेगा कि उनके क्षेत्र के अन्तर्गत स्थित राजस्व ग्रामों में निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई भी प्रकरण दर्ज होने से अवशेष नही है। 03 फरवरी 2021 से 10 फरवरी 2021 तक अभियान के अन्त में जिलाधिकारी द्वारा जनपद की प्रत्येक तहसील के 10 प्रतिशत राजस्व ग्रामों को रैण्डमली चिन्हित करते हुए उनमें अपर जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों व अन्य जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा इस तथ्य की जाॅच करायी जायेगी कि निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई प्रकरण दर्ज होने से बचा नही है । 26 दिसम्बर 2020, 12 जनवरी 202, 28 जनवरी 2021 को जनपद की प्रगति रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में परिषद की वेवसाईट पर फीड करायी जायेगी । 15 फरवरी 2021 को परिषद को संलग्न निर्धारित प्रारूप पर प्रमाण पत्र उपलब्ध कराये जाने की समय सीमा निर्धारित की गयी है।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि उपजिलाधिकारी और तहसीलदार का दायित्व होगा कि प्रत्येक राजस्व ग्राम के लिए उपरोक्तानुसार भ्रमण कार्यक्रम तैयार करते हुए उसे सभी सम्बन्धित राजस्व निरीक्षकों, लेखपालों को सूचित करें। जिन ग्रामों के अधिकतर काश्तकार अन्य स्थानो पर निवास करते हो उन ग्रामों पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता होगी।
पंचायती राज विभाग एवं नगर विकास विभाग के अधिकारियों को विशेष रूप से निर्देशित किया गया है कि वे राजस्व निरीक्षक द्वारा आयोजित ग्राम राजस्व समिति की बैठक मे परिवार रजिस्टर, जन्म मृत्यु रजिस्टर व अन्य सम्बन्धी अभिलेखों के साथ उपस्थित रहे। ऐसे काश्तकारों के लिए जो सामान्यतः ग्रामों में निवास नही कर रहे है या जिनका निर्धारित दिवस पर राजस्व ग्रामों में पहुॅचना संभव न हो उनके लिए प्रत्येक तहसील में एक काउण्टर खोलते हुए अविवादित वरासतों को दर्ज करने हेतु प्रार्थना पत्र प्राप्त किये जाए।