1971 का भारत-पाक युद्ध दुनिया के इतिहास में एक निर्णायक क्षण था
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जौनपुर। 1971 का भारत-पाक युद्ध दुनिया के इतिहास में एक निर्णायक क्षण था। इस युद्ध में भारत के विजयी होने के बाद बांग्लादेश बना। 3 दिसंबर 1971 को शुरू हुआ यह युद्ध, 13 दिन बाद 16 दिसंबर को पाकिस्तानी सेना के बिना शर्त आत्मसमर्पण के साथ समाप्त हो गया। बांग्लादेश आजाद हुआ। तब से इस दिन भारत में विजय दिवस मनाया जाता है। हम तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा जी के कुशल नेतृत्व और साहस को प्रणाम करते हैं। उक्त बातें जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष फैसल हसन ने तिरंगे झंडे को सलामी देने के बाद जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय पर आहूत संगोष्ठी में कहा ।
फैसल हसन ने कहा 1971 के इस ऐतिहासिक निर्णय का भारत के भौगोलिक दृष्टिकोण पर बहुत बड़ा असर पड़ा। हमारी सेना का मनोबल जिस तरीके से तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने बढ़ाया और पाकिस्तान की सेना को लगभग एक लाख सैनिकों का समर्पण करा करके इस बात का संदेश दिया कि जो भारत की तरफ आंख उठाकर बुरी नजरों से देखेगा उसका हाल इससे बुरा होगा।
हम शहीदों को उन सेना के जवानों को नमन करते हैं और देश के प्रधानमंत्री तत्कालीन श्रीमती इंदिरा गांधी जी को नमन करते हैं।
उक्त अवशर पर युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सत्य वीर सिंह , दलित काँग्रेस के प्रदेश महासचिव पंकज सोनकर ,किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेंद्र निषाद , महासचिव नीरज राय , निशार इलाही ,मो इकबाल , मुकेश पांडेय ,बब्बी खान , विवेक सिंह सप्पू, स्रजन सिंह , सत्यम श्रीवास्तव सहित कार्यकर्ता एवम पदाधिकारी मौजूद रहे।