डीएम के इच्छा शक्ति के बदौलत सवर गयी मुसहरो की तकदीर , देखिए वीडियो में
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जौनपुर। जिलाधिकारी के प्रबंल इच्छा शक्ति के बदौलत दर्जनों गरीबो की तकदीर ही सवर गयी। जिसके लिए धरती माता और पिता आसमान हुआ करता था आज वे लोग आलीशान कालोनी में रह रहे है। इस कालोनी को देखने वाला एक बानगी यही सोचेगा यह तो या सरकारी अधिकारियों की कालोनी है या कोई सरकार विभाग। कालोनी के बीच में पार्क सुन्दर छटाएं विखेर रही है, रात में लाइटे कालोनी के शान में चार चांद लगा रही है।
कभी एक छप्पर तक के लिए तरसने वाले मुसहरों की रात अब कालोनी में कट रही है। परिसर का दृश्य ऐसा है कि प्रवेश करते ही दिल बाग-बाग हो जाय। मुसहरों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिहाज से मुख्यमंत्री आवास योजना में क्लस्टर के तहत एक ही स्थान पर कई आवास बनवाए गए हैं। यहां बिजली-पानी से लेकर पार्क तक का इंतजाम है। गरीबों के लिए यह महज मकान नहीं, बल्कि सपनों के महल जैसा है। यहां रह रहे मुसहरों ने इस तरह जीवनयापन की शायद ही कल्पना की होगी, लेकिन योगी सरकार की इस अतिमहत्वाकांक्षी योजना से वंचितों को छांव ही नहीं, रहने को आशियाना भी मिला।
20 आवास पर खर्च किए गए 45 लाख रुपये सुजानगंज ब्लाक के कुरावां गांव में बनाए 20 आवासों पर 45 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। तकरीबन दो बीघे में निर्मित आवासों में बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रख गया है। यहां पानी-बिजली के साथ ही पार्क की भी व्यवस्था की गई है। साथ ही सामुदायिक शौचालय भी बनवाया गया है। मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पात्र मुसहरों को पट्टा कराने के बाद निर्माण कराया गया।
आवास पाने से उत्साहित मुसहरों की मानों मन की मुराद पूरी हो गई हो। अधिकांश को आवास के लिए पैसा काफी पहले मिल गया था, लेकिन भूमि नहीं मिलने की वजह इनका घर नहीं बन पा रहा था। एक माह से नए आवास में रह रहे मुसहर इसके पहले सड़कों के किनारे बिना किसी सुविधा के रह रहे थे। कइयों के पास छप्पर तक नहीं था। अपने घर की तमन्ना पूरी होने से राजेश बेहद खुश हैं। उन्होंने सरकार को इसके लिए धन्यवाद भी दिया। उनकी पत्नी किरन ने कहा कि वे दो बच्चों के साथ खुले आसान में रहती थी, जो मुश्किल अब आसान हो गई है। उन्होंने कहा अपना मकान होना सपना सच होने जैसा है।
Bhut hi sundar kary hai
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