नये कृषि कानून से आएगी, किसानों में खुशहाली
https://www.shirazehind.com/2020/10/blog-post_684.html
जौनपुर। कृषि विभाग द्वारा बुधवार को विकास खण्ड डोभी के सभागार में प्रसार सुधार आत्मा योजनान्तर्गत रबी उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमे किसानों को कम लागत में रबी फसलों के वेहतर उत्पादन एवं उत्पाद के उचित मूल्य प्राप्त करने की तकनीकियों से प्रशिक्षित किया गया।
गोष्ठी में डिप्टी पीडी आत्मा डा. रमेश चंद्र यादव ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के लिए तमाम पहल की गई है। अब ग्रामीण कल्याण के उद्देश्य से सरकार ने तीन नए कृषि कानून बनाए है। कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (सम्बर्धन एवं सरलीकरण) अधिनियम 2020, इस नए कानून के तहत किसानों को अपनी उपज बेचने की आजादी दी गई है वह उत्पादों को अधिकृत मंडियों के अतिरिक्त जिले, राज्य या देश में किसी भी स्थान पर भेजने को स्वतंत्र होंगे, नए कानून से किसान सीधे व्यापारियों से जुड़ सकेंगे उन्हें अपने उत्पाद के लिए कोई उपकर नहीं देना होगा और न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म होगी और न ही सरकार खरीद बंद होगी और न ही कृषि उत्पाद बाजार समिति (मंडिया) खत्म की जाएंगी। वहां व्यापार पूर्वक चलता रहेगा कृषक को जहां अच्छी कीमत मिले वहां अपना उत्पाद बेचकर अधिक मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम 2020, इस अधिनियम के तहत किसान फसल की बुवाई से पूर्व में किसी व्यापारी एपीओ, कंपनी, निर्यातक के साथ करार कर सकेगा वह अपने उत्पाद का दाम फसल तैयार होने से पहले भी निर्धारित कर सकता है बाजार में उत्पाद का दाम कम हो जाने पर भी करार के हिसाब से व्यापारी को भुगतान करना होगा करार के बाद बाजार में यदि दाम बढ़ते हैं तो भी व्यापारी को न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ ही कुछ अतिरिक्त लाभ किसानों को देना होगा। इस कानून के कारण किसानों को अनिश्चितता का जोखिम नहीं उठाना होगा करार के अनुसार किसानों को उन्नत बीज खाद कृषि उपकरण और उन्नत तकनीक उपलब्ध हो सकेगी किसान और व्यापारी के बीच किसी भी प्रकार के विवाद के लिए उप जिलाधिकारी स्तर से 30 दिनों में निपटारा करने की व्यवस्था की गई है नए कानून के अनुसार करार होने के बाद कृषि उत्पाद खरीदने के 3 दिनों के अंदर व्यापारी को किसान को भुगतान करना होगा। कंपनियों एवं व्यवसायियों के कृषि क्षेत्र में आने से किसानों के सामने बहुत सारे विकल्प होंगे व्यापारी खरीदे हुए वादों को यथा अनाज, फल फूल, सब्जी आदि को अच्छे दामों पर बेच सकेंगे। आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम 2020, इस नए कानून के तहत उत्पादों का वितरण, आपूर्ति, भंडारण करने की स्वतंत्रता से बड़े किसानों, व्यापारियों को जहां लाभ होगा वही अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहन मिलेगा पहले स्टॉक की सीमा होने से बड़ी कंपनियां कृषि क्षेत्र में निवेश करने से घबराती थी, इस कानून से क्षेत्र में वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग आदि के आने से जहां किसानों को फायदा होगा, बुनियादी अवसंरचना में इजाफा होगा वही ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने का जो संकल्प है उसे पूरा करने के लिए इस नए कानून को सही ढंग से क्रियान्वयन होना आवश्यक है। डा. यादव ने बताया कि नए कृषि कानून से जहां ग्रामीणों को आर्थिक आजादी मिलने जा रही है वहीं कृषि को उद्योग का दर्जा देने का मार्ग प्रशस्त होगा। गोष्ठी को संबोधित करते हुए कृषि वैज्ञानिक डा. दिनेश सोनकर ने मृदा परीक्षण, बीज शोधन, लाईन से बुआई के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर सहायक विकास अधिकारी कृषि दयानंद सिंह, तकनीकी सहायक मनीष शर्मा, तारक नाथ पांडेय, अशोक मौर्य, विनोद सिंह आदि तमाम किसान मौजूद रहे। अंत में विषय वस्तु विशेषज्ञ रमाशंकर सिंह ने सभी का आभार ज्ञापित किया।