जौनपुर। विभागीय अधिकारियों और ठीकेदारो के मिली भगत से जनता का पैसा लूटा जा रहा है। जिसका परिणाम है कि सड़क बनने के एक वर्ष के भीतर ही पुनः टूट फूटकर जर्जर हो जा रही है। जिसका खामियाजा जनता को ही भुगतना पड़ रहा है। राहगीर दुर्घनाओं का शिकार होकर या तो काल के गाल में समा जा रहे है या घायल होकर दिव्यांग रहे है। ऐसा ही मामला सामने आया है केराकत से लेकर सुजानगंज तक अरबों रूपये से बनी सड़क का। यह रोड एक वर्ष पूर्व बनाया गया था लेकिन लूट खसोट के चलते पुनः गढ्डे में तब्दील हो चुकी है। डीएम ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए जांच बैठा दिया है।
करीब एक वर्ष पूर्व कुण्डहा,सुजानगंज,मछलीशहर मड़ियाहूं , जलालपुर होते हुए केराकत तक सड़क का निर्माण हुआ था। यह सड़क आज पुनः टूट गयी है। डीएम दिनेश कुमार सिंह खुद इन सड़को पर यात्रा किया तो जगह जगह सड़के जर्जर पायी गयी। उन्होंने स्थानीय जनता से बातचीत किया तो पता चला कि इन सड़को के बने बहुत कम समय हुआ है। डीएम ने तत्काल इन सड़कों का स्थलीय,अभिलेखीय एवं तकनीकी जांच के लिए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व,एसडीएम केराकत और सहायक अभियंता जिला ग्राम्य विकास अभिकरण की एक टीम गठित किया है। यह टीम 25 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट डीएम को सौपेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रथम दृष्टया ठीकेदार द्वारा घटिया निर्माण कार्य किया जान प्रतीत हो रहा है। डीएम ने टीम को यह भी आदेश दिया है कि सड़को निर्माण कार्य प्रारम्भ से लेकर पूरा होने की तारीख, कितना भुगतान हुआ तथा इस अवधि में कौन अधिकारी तैनात रहा है।
यदि सड़क का निर्माण घटिया किया गया है तो उसमें विभाग के अधिकारी, अभियंता और जूनियर इंजीनियर भी जिम्मेदार है। ऐसे में कार्रवाई सभी के खिलाफ होना चाहिए। अक्सर देखा जाता है कि दोयम दर्जे का निर्माण कार्य की जांच में दोषी पाये जाने पर ठीकेदारो को ब्लैक लिस्ट और अधिकारियों को क्लिनचीट दे दिया जाता है।
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