आचार्य बालकृष्ण के जन्मदिन पर औषधिय पौधों का हुआ रोपण
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जौनपुर। आयुर्वेद शिरोमणि के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बनानें वाले श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण के जन्मदिन पर पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के दिशा-निर्देशन में पतंजलि योग परिवार के कार्यकर्ताओं के द्वारा जड़ी- बूटी दिवस के रूप में मनाये जानें की परम्परा है जिसके अन्तर्गत साधकों के द्वारा गिलोय, तुलसी, एलोवेरा, हल्दी, नीम और अश्वगंधा जैसी औषधियों से युक्त जड़ी बूटीयों को हजारों स्थानों पर रोपण के साथ बड़ी मात्रा में इनका विवरण भी किया गया है। पतंजलि किसान सेवा समिति के प्रभारी संतोष संघर्षी नें बताया है कि सदियों से अपने देश की चिकित्सा के मूल में आयुर्वेद ही रहा है इसलिए अब पुनः आयुर्वेद की ओर लौटकर ही सम्पूर्ण स्वास्थ्य को अर्जित किया जा सकता है। पचहटियाँ स्थित हरीमूर्ति वाटिका में औषधि पौधों का रोपण करते हुए पतंजलि योग समिति के प्रान्तीय सह प्रभारी अचल हरीमूर्ति के द्वारा बताया गया है कि आज कोरोना जैसी वैश्विक आपदा में आयुर्वेदिक औषधियां ही एक तरह से ढाल बनकर जीवन रक्षक साबित हो रही हैं और सभी सरकारें भी काढ़े का नियमित सेवन सुनिश्चित करनें के लिए हर किसी को सलाह दिया है इसलिए अब जरूरी हो गया है कि सभी औषधी पौधों का व्यापक पैमाने पर रोपण और संरक्षण किया जाये । इस मौके पर भारत स्वाभिमान के प्रभारी शशिभूषण, डा हेमन्त, डा ध्रुवराज, सिकन्दर, डा संजय,नन्दलाल, ममता भट्ट, कुलदीप, विकास, वीरेन्द्र, शम्भुनाथ,प्रेमचंद, सुरेन्द्र सहित अन्य साधक उपस्थित रहे ।