150 बहनों ने अपने भाई के लिए लिफाफा बंद राखी व रोली भेजी जेल
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जौनपुर। कोरोना संक्रमण काल ने भाई-बहन के अटूट और अगाध प्रेम के प्रतीक पर्व रक्षाबंधन को भी प्रभावित किया है। यह पहला मौका होगा जब जेल में बंद भाई की कलाई पर बहनें खुद भेंटकर राखी नहीं बांध सकेंगी। जेल प्रशासन के निर्देश के मुताबिक 150 बहनों ने अपने भाई के लिए लिफाफा बंद राखी व रोली भेजी है। अन्य बंदियों को मन मसोसना न पड़े, जेल प्रशासन इसके लिए भी अपने संसाधन से राखियों का इंतजाम कर रहा है।
महानिदेशक (कारागार) ने पांच दिन पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर इस वर्ष बहनों को जेल में बंद भाइयों को रक्षाबंधन के दिन मिलकर राखी बांधने की इजाजत नहीं दी जाएगी। गाइड लाइन तय की थी कि जो बहनें जेल में बंद भाइयों को राखी पहुंचाना चाहती हों, वे लिफाफे में राखी व रोली रखकर भाई का नाम व बैरक नंबर लिखकर जेल प्रशासन को दो दिन पूर्व तक उपलब्ध करा सकती हैं। शनिवार की शाम मियाद खत्म होने तक ऐसे 150 बंदियों के लिए उनकी बहनें राखी व रोली रखें लिफाफे जेल प्रशासन को सौंप चुकी हैं। जेल प्रशासन ने इन लिफाफों को एक कार्टून में बहुत सलीके से रखवाने के बाद सैनिटाइज करा दिया है। सोमवार को रक्षाबंधन के लिए बहनों के लिफाफे उनके भाइयों को कलाई पर सजाने के लिए सौंपे जाएंगे। 61 महिला बंदियों में से तीन के भाई भी हैं जेल में