विदा हुए कुलपति राजाराम यादव
https://www.shirazehind.com/2020/07/blog-post_545.html
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के शुक्रवार तो प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया संस्थान में कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव के कार्यकाल पूरे होने पर विदाई समारोह का आयोजन किया गया।
संस्थान में आयोजित विदाई समारोह में विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं अधिकारियों ने कुलपति को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम भेंट किया। इस दौरान अपनी बात रखते हुए कई शिक्षक भावुक हो गए।
विदाई समारोह में कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने अपने तीन वर्ष के कार्यकाल का सुखद अनुभव सुनाया। उन्होंने कहा कार्य कोई भी व्यक्ति में उसे करने की लगन होनी चाहिए। किसी भी संस्था का उत्थान वहां के लोगों की कार्यपद्धति से होता है। ऐसे में उस संस्था के लोगों में सकारात्मक सोच हमेशा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैने पहले ही दिन से विश्वविद्यालय में प्रण किया था कि विद्यार्थियों को कोई भी समस्या नहीं आने दूंगा उसे पूरा करने का मैने सतत प्रयास किया। मेरा जीवन ही छात्रों के लिए समर्पित था और हमेशा रहेगा। उनका मानना है कि छात्र और युवा ही राष्ट्र की पूंजी होते है। एक अखंड राष्ट्र इन्ही के बल पर बनाया जा सकता है। उन्होंने तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए माननीया कुलाधिपति, मुख्यमंत्रीजी, उप मुख्यमंत्री, सचिव प्रमुख संजय अग्रवाल के प्रति कृतज्ञता जाहिर की।
इस अवसर प्रो. बीबी तिवारी ने उनके तीन वर्ष के कार्यों का विस्तृत रूप से वर्णन किया। प्रबंध संकायाध्यक्ष प्रो. अविनाश पार्थीडकर ने कहा कि कुलपति जी ने विश्वविद्यालय के परिवार को संपूर्णता दी है। हमें इसे संजों कर दृढ़ता के साथ रखना होगा। समारोह के आयोजक डा. राजकुमार ने कहा कि कुलपति जी के तीन वर्षों के कार्यकाल में मुझे ज्यादा सीखने को मिला। कारण काम भी मुझे ही ज्यादा मिले। डा. मनीष कुमार गुप्ता ने कहा कि शोध व नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कुलपतिजी की प्रशंसा की। साथ ही कहा कि आपके कार्यकाल में विश्वविद्यालय ने नयी उंचाइयों को छूआ है। इस अवसर पर वित्त अधिकारी एमके सिंह. परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह, असिस्टेंट रजिस्ट्रार अमृतलाल, प्रो अजय द्विवेदी, प्रो अजय प्रताप सिंह, प्रोफेसर देवराज सिंह, डा प्रमोद यादव, डॉ मनोज मिश्र, डा. सुनील कुमार, डा. अवध बिहारी सिंह. डा दिग्विजय सिहं राठौर, डा. गिरधर मिश्र, डा. नीतेश जायसवाल, डा मनोज पांडेय इत्यादि शिक्षक मौजूद थे। समारोह का संचालन डॉ संतोष कुमार ने किया।