शिक्षक जो ठान ले तो उसे पूरा करके ही रूकता है
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जौनपुर। पिछले 9दिनों से प्रदेश के सभी 75जनपदों में स्वप्रेरित टेक्नोसेवी शिक्षकों के व्यावसायिक व शैक्षिक उन्मुखीकरण हेतु SIET - UP के सहयोग से आयोजित एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी के कर- कमलों से जौनपुर जनपद में भी गत दिनांक 20मई 2020 को प्रारम्भ किये गये *Webinar on Learning Assessment* का ऑनलाइन कार्यक्रम अबाध ,निर्बाध एवं अनवरतरूपेण प्रगतिपथ पर बढ़ते हुए अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है ।
आज इस शैक्षणिक कार्यक्रम के 9वें दिन *मुख्य अतिथि सुरेश पान्डेय (जिला समन्वयक -प्रशिक्षण , जनपद जौनपुर) व की - एक्सपर्ट विशेषज्ञ अतिथि के रूप में डॉ. अम्बिकेश त्रिपाठी के ऑनलाइन आगमन पर जौनपुर edu टीम की तरफ से इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल चकताली की प्रधानाध्यापिका *डॉ. ऊषा सिंह तथा आदर्श शिक्षक केशव प्रसाद सिंह द्वारा सामूहिक रूप से अत्यन्त सुन्दर ,सहज और हृदयस्पर्शी शब्दों द्वारा स्वागत, वन्दन एवं अभिनन्दन किया गया ।
कार्यक्रम में ऑनलाइन उपस्थित हुये जिला समन्वयक ने सर्वप्रथम कार्यक्रम की संयोजक डॉ. ऊषा सिह एवं इस कार्यक्रम से जुड़े सभी शिक्षक भाई - बहनों को इस प्रकार का शैक्षणिक कार्यक्रम संचालित करने के लिये धन्यवाद ग्यापित करते हुए अपनी बात शुरू की । जिला समन्वयक ने जोर देते हुये कहा कि इस तरह का शैक्षणिक कार्यक्रम आज के समय की माँग है । कोरोना वायरस के भय के कारण आज की जो स्थिति है उससे यह निश्चित नहीं किया जा सकता कि हमारे विद्यालय कब तक खुलेंगे । विद्यालय का खुलना भविष्य के गर्त में है ।अत: इन छुट्टियों में हमें स्कूल महानिदेशक द्वारा प्रदत्त एवं प्रेषित *आधारशिला, ध्यानाकर्षण,शिक्षण संग्रह, हस्तपुस्तिकाओं के अध्ययन तथा प्रेरणा तालिका का प्रयोग करते हुए प्रेरणा लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए । प्रत्येक शिक्षक को इनका अनुसरण करते हुए पाठ - योजना का निर्माण करके उसके अनुसार पठन - पाठन की व्यवस्था करनी चाहिए ।श्री पान्डेय ने शिक्षकों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि शिक्षक जो ठान ले तो उसे पूरा करके ही रूकता है ।हमारे परिषदीय शिक्षक सी. बी. एस. सी. या आई. एस. सी. बोर्ड के शिक्षकों से कहीं अधिक योग्य हैं ।और मैं उनका आह्वान करता हूँ कि वे इस दिशा में कार्य करते हुए Whatsapp के माध्यम से अधिक से अधिक बच्चों और उनके अभिभावकों को जोड़ें तथा दीक्षा एप आदि के माध्यम से उन्हे दूरस्थ शिक्षा का प्रयोग सिखाकर अध्ययन करना सिखायें ।श्री पान्डेय ने आगे बोलते हुये कहा कि बेसिक शिक्षा के अन्तर्गत अनेक कार्यक्रमों में जनपद जौनपुर को प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है और जनपद के प्रत्येक शिक्षक का यह दायित्व है कि बह अपने ब्लॉक को प्रेरक ब्लॉक और अपने जनपद जौनपुर को पूरे देश - प्रदेश का प्रेरक जनपद बनाने में अपना योगदान प्रस्तुत करे।आदरणीय जिला समन्वयक महोदय सर ने शिक्षकों का मनोबल बढ़ाते हुये और अपनी बात समाप्त करते हुये आश्वासन दिया कि बेसिक शिक्षा के उत्थान हेतु वे सदैव शिक्षक समाज के साथ हैं और उनके साथ कहीं भी चलने के लिए तैयार हैं ।*
*बेबीनॉर के इसी क्रम में की - एक्सपर्ट व विशेषज्ञ अतिथि के रूप में जनपद अयोध्या से ऑनलाइन जुड़े डॉ. अम्बिकेश त्रिपाठी जी द्वारा शिक्षकों को असेसमेन्ट में सक्सेज क्राईटेरिया के अन्तर्गत रूब्रिक्स के प्रयोग और उसकी उपयोगिता के बारे में जानकारी प्रदान की गई । श्री त्रिपाठी जी ने बताया कि बच्चे को असेस् करते समय हम रूब्रिक्स के माध्यम से उसे तीन कैटॉगिरी में रखकर पता कर सकते हैं कि वह विलो एव्रेज है, एव्रेज है या एक्सपर्ट है ।इस आधार पर हम बच्चे को छोटे - छोटे मापदण्डों पर मापते हुये उसकी किसी बिषय या पाठ की लर्निंग ऑउटकम का पता लगा सकते हैं ।*
*रूब्रिक्स विषय को ही आगे बढ़ाते हुये इसी जनपद जौनपुर के पू. मा. वि. भन्नौर के ICT एक्सपर्ट शिक्षक श्री ज्ञानेश्वर प्रसाद जी ने बताया कि इसकी सहायता से हम बच्चे की कक्षा के अनुरूप एक बेहतर प्रश्नपत्र का निर्माण कर सकते हैं और उसकी निष्पक्ष जाँच भी कर सकते हैं ।*
*अपने विषय को वीडियो क्लिप के माध्यम से आगे बढ़ाते हुये श्री ज्ञानेश्वर जी ने शिक्षकों को सुझाव दिया और बताया कि फारमेटिव असेसमेन्ट में रूब्रिक्स बहुत ही सहायक होता है ।इस तरह के प्रश्नपत्र का निर्माण करते समय यह अवश्य ध्यान दिया जाये कि "प्रश्न सदैव गुड स्टुमुलस मेटेरियल पर आधारित हो, हमेशा रेलिवेन्ट हो तथा स्किल बेस्ड हो ।प्रश्न किसी भी दशा में ऑर्टीफीशियल न प्रतीत हो । इसका निर्माण करते समय असेसमेन्ट टूल्स को भी सदैव वैलिड,फेयर और रिलॉयवल होना चाहिए तभी हम बच्चों का पूर्ण न्यायोचित ऑकलन कर पायेंगे तथा उसे सही दिशा में अग्रसर कर सकेंगे ।
मिशन शिक्षण संवाद एवं एड्युलीडर के तत्वावधान में *बेबीनॉर के कुशल संचालकों शिवम सिंह, शिप्रा सिंह, प्रीति श्रीवास्तव तथा डॉ. ऊषा सिंह जी* के अनवरत तकनीकी प्रयासों से नेटवर्क की बाधा के बाद भी कार्यक्रम का प्रसारण अत्यन्त प्रभावशाली व सुरुचिपूर्ण रहा। कार्यक्रम में ऑनलाइन प्रतिभाग कर रहे *कई गणमान्य शिक्षक /शिक्षिकाओं ने उपर्युक्त विशेषज्ञों से प्राथमिक शिक्षा स्तर के प्रश्नपत्र तैयार करने की तकनीकियों जैसे प्रश्नपत्र कितने समय का हो, उसमें किस स्तर के और कितने प्रश्न रखें जायें, प्रश्नों को विभिन्न अंको की कैटॉगिरी में कैसे विभाजित करें तथा असेसमेन्ट के तरीकों और उसमें आने वाली समस्याओं के निराकरण आदि के विषय में रोचक एवं सन्तोषप्रद जानकारियाँ प्राप्त कीं ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं समापन डॉ. ऊषा सिंह द्वारा करते हुए अतिथिगण एवं कार्यक्रम से जुड़े सम्मानित शिक्षक /शिक्षिकाओं का आभार प्रकट किया गया तथा आगामी दिवस के कार्यक्रम के विषयमें सूचना दी गई कि कल प्रतिभागी सदस्यों के बीच एक ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता रखी गई है जिसमें सभी को समय से प्रतिभाग करना है । इसे अधिक से अधिक शिक्षक /शिक्षिकाओं के साथ मंच साझा करते हुये सम्पन्न कराया जायेगा, जिससे परिषदीय शिक्षा से जुड़े लोग लाभान्वित हों और हमारे परिषदीय शिक्षकइस शैक्षणिक कार्यक्रम के उद्देश्य की तह तक पहुंच सकें। उनके इस प्रयास की सभी अतिथिगण तथा प्रतिभागी शिक्षक /शिक्षिकाओं द्वारा स्वागत करते हुए समवेत स्वर में क्विज में प्रतिभाग करने का संकल्प लिया गया ।
कार्यक्रम में अमित सिंह,केशव सिंह, ब्रजेश पान्डेय, सन्तोष सिंह, संजय सिंह , पवन कुमार सिंह, डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव, विजय मेंहदी, अनुराग मिश्र, डॉ. अखिलेश सिंह, प्रशांत सिंह, राजेश पान्डेय, राकेश सिंह,सत्येन्द्र सिंह, राजीव कुमार,सुनील कुमार, रामबहादुर सिंह, शबेन्द्र यादव, मंजू पान्डेय, नीतू भास्कर, प्रियंका राजपूत, अर्चना सिंह, फर्जाना अजीज, रोली अस्थाना , अन्जना सिंह, सरितामहेन्द्रसिंह , निरुपमा सिंह, निशा सिंह , अनुशिका सिंह, कादम्बरी कुशवाहा, वन्दना सरकार, सौम्या श्रीवास्तव, डॉ. कुमुदिनी अस्थाना, विभा सिंह, प्रियंका मिश्रा , रीतिका सिंह , रिचा सिंह , मधूलिका अस्थाना, विजयलक्ष्मी यादव , निशा मौर्या,ज्योति सिंह, माधुरी जायसवाल आदि सहित लगभग 75 शिक्षक /शिक्षिकाओं ने ऑनलाइन प्रतिभाग किया ।