शिक्षक का दायित्व है कि वह बच्चे की प्रतिभा को पहचान कर उसे उसकी लक्ष्य प्राप्ति में सहायक बनें : डॉ. हरेन्द्र

जौनपुर। प्रदेश के सभी 75जनपदों में स्वप्रेरित टेक्नोसेवी शिक्षकों के व्यावसायिक व शैक्षिक उन्मुखीकरण हेतु SIET - UP के सहयोग से आयोजित एवं  जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी  के कर- कमलों से गत दिनांक 20मई 2020 को प्रारम्भ किये गये  *Webinar on Learning Assessment* का ऑनलाइन कार्यक्रम विगत 8 दिनों से अबाध एवं अनवरतरूपेण अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है । 
आज इस शैक्षणिक कार्यक्रम के 8वें दिन मुख्य अतिथि (विधायक जफराबाद डॉ. हरेन्द्र प्रताप सिंह रहे।  एक्सपर्ट विशेषज्ञ अतिथि के रूप में प्रोजेक्ट मैनेजर  शशिप्रकाश सिंह  के ऑनलाइन आगमन पर जौनपुर edu टीम की तरफ से इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल चकताली की प्रधानाध्यापिका डॉ. ऊषा सिंह  तथा व शिक्षक  लक्ष्मीकांत सिंह  और शिवम सिंह द्वारा सामूहिक रूप से  अत्यन्त सुन्दर, सहज ,सधे हुये एवं स्नेहाशिक्त शब्दों में सभी सम्मानित अतिथिगण का स्वागत किया गया ।संयोगवश आज विधायक  की वैवाहिक वर्षगाँठ भी है जिसके उपलक्ष्य में डॉ. मधूलिका अस्थाना द्वारा सुमधुर कविता के माध्यम से उनको शुभकामनाएं दी गईं ।
 कार्यक्रम में बोलते हुये मुख्य अतिथि  विधायक महोदय  हरेन्द्र प्रताप सिंह  ने कहा कि सरकार द्वारा बच्चों के शैक्षिक उत्थान के लिए जितने भी कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं उसमें उनके द्वारा पूरी तन्मयता से भागीदारी की जाती है। विधायक  कहा कि प्रत्येक बच्चा ईश्वर की कृति और अंश होता है और किसी न किसी प्रतिभा से सम्पन्न होता है ।शिक्षक का दायित्व है कि वह बच्चे की प्रतिभा को पहचान कर उसे उसकी लक्ष्य प्राप्ति में सहायक बनें । श्री सिंह ने इसी क्रम में जनपद जौनपुर के परिषदीय शिक्षकों द्वारा वर्तमान कोरोना वैश्विक महामारी में तन - मन- धन व अन्न से अनवरत किये जा रहे सहायता कार्यों की सराहना करके उनका उत्साहवर्धन किया ।  विधायक  ने जापान देश का उदाहरण प्रस्तुत करते हुये बताया कि किस तरह से बचपन से ही अपनी लॉइफस्टाइल में सेनेटाइजेशन, योग, सन्तुलित भोजन, समयबद्धता और जागरूकता द्वारा कोरोना जैसा बड़ी से बड़ी आपदाओं से बचे रह सकते हैं । प्रत्येक शिक्षक का दायित्व है कि वह अपने स्कूल के बच्चों में प्राथमिक स्तर से ही इन सब के प्रति अपनी जागरूकता उत्पन्न करे ।ऐसा करके ही हम अपने भारत देश को पुन: विश्व गुरु की श्रेणी में ला खड़ा कर सकते हैं ।श्री सिंह ने अपनी वक्तव्य के अन्त में इस कार्यक्रम की संयोजक डॉ. ऊषा सिंह  का उत्साहवर्धन करते हुए तथा साधुवाद देते हुए कहा कि उनके द्वारा बेसिक शिक्षा के उत्थान हेतु इस तरह के प्रत्येक कार्यक्रम में उनके बुलावे पर वह अपनी तरफ से आवश्यक संसाधन व सहायता प्रदान करने के लिये सहर्ष उपस्थित रहते रहे हैं और अागे भी उपस्थित रहेंगे ।
    
                  इसी क्रम में जनपद जौनपुर की ही माटी में पले - बढ़े और कार्यक्रम में की - एक्सपर्ट तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में जुड़े प्रोजेक्ट मैनेजर श्री शशिप्रकाश सिंह जी ने भीअपने विचार व्यक्त करते हुए समस्त प्रतिभागियों  को विभिन्न विषयों की जानकारी प्रदान करते हुये अनेक रोचक टिप्स प्रदान किये ।उन्होने *असेसमेन्ट में सक्सेस क्राइटेरिया* को समझने के लिए अध्यापक तथाबच्चे से लेकर क्रमश:अभिभावक,सोसायटी तथा देश /सरकार की अपेक्षाओं की विस्तृत व्याख्या करते हुए वीडियो क्लिप के माध्यम से उसे प्रतिभागियों के समक्ष बहुत ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया ।

 उन्होने इसी क्रम में चिनाब नदी पर बन रहे पुल का उदाहरण प्रस्तुत किया और कहा कि हम लोग जो लक्ष्य लेकर चल रहे  हैं उसकी बदोलत हमारा भारत असली बाहुबली कहलाते हुये पुल की ऊंचाई को एफिल टॉवर से भी अधिक ऊंचा बनाने जा रहा है ।यही सिद्धांत हमें बच्चे की सफलता को प्रदत्त करने के लिए अपनाना होगा । *क्योंकि बिना लक्ष्य निर्धारण के हम सफलता नहीं प्राप्त कर सकते । हमें बच्चे  के साथ - साथ उसके अभिभावक, समाज, तथा देश की भौतिक सफलता और आत्मिक खुशी  को जोड़कर चलना होगा । उन्होने इस मन्त्र के साथ कि -- किसी भी सफलता को प्राप्त करने के लिए हमें सर्वप्रथम लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और उसकी प्राप्ति हेतु दृढ़ विश्वास, लगन, निरन्तर प्रयास, धैर्य और आनन्द के साथ अपने लक्ष्य पथ पर अग्रसर रहना चाहिए ।* इस दिशा में श्री सिंह ने कमजोर एवं इच्छुक वर्ग के लिए स्वयं द्वारा स्थापित पुस्तकालय, कराये गये वृक्षारोपड़,सेमिनार आदि को वीडियो क्लिप के माध्यम से प्रस्तुत किया ,और बताया कि कैसे हम किसी प्लान के टारगेट तक पहुंच सकते हैं  । अन्त में उन्होने यह कहते हुये कि *सक्सेस इज नॉट हैप्पीनेस बट् हैप्पीनेस इज सक्सेस* अपनी बात समाप्त की ।

      एड्युलीडर के तत्वावधान में संचालित बेबीनॉर के कुशल संचालकों शिवम सिंह, शिप्रा सिंह, प्रीति श्रीवास्तव तथा ऊषा सिंह जी के अनवरत तकनीकी प्रयासों से कार्यक्रम का प्रसारण अत्यन्त प्रभावशाली व सुरुचिपूर्ण रहा। कार्यक्रम में ऑनलाइन प्रतिभाग कर रहे  कई गणमान्य शिक्षक /शिक्षिकाओं ने उपर्युक्त विशेषज्ञों से प्राथमिक शिक्षा में आने वाली समस्याओं के निराकरण के विषय में जानकारियाँ प्राप्त कीं । 
          
        कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं समापन डॉ. ऊषा सिंह  द्वारा करते हुए आदरणीय अतिथिगण एवं कार्यक्रम से जुड़े सम्मानित शिक्षक /शिक्षिकाओं का आभार प्रकट किया गया तथा आगामी दिवस के कार्यक्रम के साथ- साथ यह सूचना दी गई कि भविष्य में इससे भी आगे बढ़कर वह अति नवीन जानकारियों तथा उन्नत शैक्षणिक तकनीकियों पर आधारित एक वृहत् कार्यक्रम के लिए प्रयासरत हैं ,जिसे शिक्षा जगत के अधिकारियों से अनुमति मिलने के बाद अधिक से अधिक शिक्षक /शिक्षिकाओं के साथ मंच साझा करते हुये सम्पन्न कराया जायेगा, जिससे परिषदीय शिक्षा से जुड़े लोग लाभान्वित हों और हमारी परिषदीय शिक्षा, शिक्षा के चरम विन्दु को स्पर्श कर सके।उनके इस प्रयास की सभी अतिथिगण तथा प्रतिभाग कर रहे सभी शिक्षक /शिक्षिकाओं द्वारा तहेदिल से स्वागत करते हुए मुक्तकंठ से उनकी प्रशंसा एवं सराहना की गई ।

कार्यक्रम में  अमित सिंह,केशव सिंह, ब्रजेश पान्डेय, सन्तोष सिंह, संजय सिंह , पवन कुमार सिंह, डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव, विजय मेंहदी, अनुराग मिश्र, डॉ. अखिलेश सिंह, प्रशांत सिंह, राजेश पान्डेय, राकेश सिंह,सत्येन्द्र सिंह, राजीव कुमार, फर्जाना अजीज, रोली अस्थाना , अन्जना सिंह, सरितामहेन्द्रसिंह , निरुपमा सिंह, निशा सिंह , अनुशिका सिंह, कादम्बरी कुशवाहा, वन्दना सरकार, सौम्या श्रीवास्तव, डॉ. कुमुदिनी अस्थाना, विभा सिंह,  प्रियंका मिश्रा , रीतिका सिंह , रिचा सिंह , मधूलिका अस्थाना, विजयलक्ष्मी यादव , निशा मौर्या,ज्योति सिंह, माधुरी जायसवाल आदि सहित लगभग 82 शिक्षक /शिक्षिकाओं ने ऑनलाइन प्रतिभाग किया ।
        

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