हिन्दी पत्रकारिता को पश्चिमी सभ्यता से बचाने की जरूरत
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जौनपुर। उप्र श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के तत्वावधान मे एक संगोष्ठी का आयोजन कैम्प कार्यालय पर किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ0 आर एन त्रिपाठी व अध्यक्षता संपादक आदर्श कुमार ने किया ।संगोष्ठी मे सोशल डिस्टेंस का खास ख्याल रख कर पाच लोग शामिल हुए तथा अन्य लोग विडियो कान्फ्रेंसिग के द्वारा उसमे अपने विचारों का आदान-प्रदान किये। सम्पादक आदर्श कुमार ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता को जरूरत है हिन्दी की, हम आज अपनी लेखन भाषा मे हिन्दी को भूलते जा रहे है। अध्यक्ष विजय प्रकाश मिश्र ने कहा कि हमे पक्षकारिता से दुर रह कर पत्रकारिता करनी चाहिए यही स्वस्थ पत्रकारिता का आधार है। रियाजुल हक ने वर्तमान पत्रकारिता मे ऐसे लोगो का शामिल होना जिनको पत्रकारिता कखेरा भी नही आता पत्रकारिता के लिए अभिशाप बताया चन्द्र मणि पाण्डेय ने कहा कि भारत की पत्रकारिता का एक उज्वल इतिहास रहा है उन्होने उस पर प्रकाश डाला ,इस अवसर पर मोहर्रम अली ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मीडिया को किसी एक मानसिकता पर काम नही करना चाहिए उसे दर्पण की तरह होना चाहिए । मुख्य अतिथि त्रिपाठी ने कहा कि आज के परिक्षेत्र में जहां हम पश्चिमी सभ्यता की ओर अग्रसर हैं वही कहीं ना कहीं हिंदी पत्रकारिता हिंदी न्यूज चैनल व हिंदी अखबार भी उसी पश्चिमी सभ्यता से प्रभावित हो चुके हैं हमें हिंदी पत्रकारिता दिवस के मौके पर यह प्रण लेना चाहिए कि हम अपनी मातृभाषा में ही हर कार्य को संपादित करें इस मौके पर ऑनलाइन शामिल होकर सीएम पांडे ने कहा कि आज आवश्यकता है हिंदी पत्रकारिता को मजबूत करने की ।प्रमोद पांडे ने कहा कि अप्रशिक्षित लोगों को पत्रकारिता मे आने से पत्रकारिता का ग्राफ गिरा है। एके सिंह व अरुण यादव व मनोज पटेल तथा अविनाश कश्यप भी ऑनलाइन शामिल होकर कार्यक्रम मे अपने अपने विचारों को व्यक्त किया । देवेंद्र खरे ने कहा कि सभी पत्रकारों को चाहिए कि वह अपने कार्यों को सही तरीके से निर्वहन करे। मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि समस्त पत्रकारो को बिना मतभेद के समाज व देशहित मे पत्रकारिता करनी चाहिए ,शरद जायसवाल ने कहा कि पत्रकारिता का एक जोखिम भरा इतिहास रहा है। पत्रकारिता ने आजादी का अलख जगाया और लोगों में नई चेतना पैदा की ।कार्यक्रम का संचालन डा0 यशवंत गुप्ता ने किया।