समस्याएं कहाँ नहीं है ?
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आज के इस आधुनिकतम युग मे जिस तरह से कई चीजों के स्वरूप परिवर्तित रूप मे सामने आए है उन्ही मे से समस्याओं का स्वरूप भी बदले हुए रूपों मे सामने आया है | आज जिस भी व्यक्ति से आप मिलिये वह जरूर अपने जीवन मे किसी न किसी समस्या को साझा करेगा | और उसके अनुसार दुनियाँ की सबसे बड़ी समस्या वही है जो वह आपसे साझा कर रहा है | यानि की आज हर कोई समस्या से घिरा हुआ है | बड़े छोटे, अमीर गरीब, समाज देश सब कोई | आप अपने घर आस-पास चारों तरफ देखेगे तो आपको समस्या जरूर दिखेगी | ऐसे मे यह विचार आना स्वाभाविक ही है की आखिर समस्याए क्यों है इनका समाधान क्या है और जीवन की सबसे बड़ी समस्या क्या है ? क्या आज के 3 दशक पहले लोगों के पास समस्या नहीं होती थी जैसे ढेरों प्रश्न आपके विचार मन मस्तिष्क मे जरूर घूमते होंगे |
तो चलिए सबसे पहले समस्या के बारे मे बात करते है किसी भी परिस्थति या कार्य का आपके अनुरूप न होना एक समस्या है | आप उस परिस्थति मे अनेकों अच्छी बातों को भुलाकर उस समस्या पर ध्यान केंद्रित कर लेते है नतीजन आपके जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ना शुरू हो जाता है | और आपको इसका एहसास तब होता है जब आप उस समस्या की वजह से नई समस्या का निर्माण अपने लिए कर चूके होते है | जब भी कोई समस्या किसी भी व्यक्ति के जीवन मे आती है तो वह दुनियाँ की सबसे बड़ी समस्या इस लिए मानना शुरू कर देता है वह उस समस्या का निदान कम उससे होने वाले नुकसान के बारे मे अधिक सोचता है | मेरा व्यक्तिगत अनुभव समस्याओं को लेकर के यह है की लोगों की अधिकांश समस्या आधुनिकता की वजह से है | और आधुनिकता की ही देन है की पैसे की मांग मे तेजी आयी है | जब पैसों की मांग लोगों की पूरी नहीं होती तो समस्याओ और कठिनाइयों का जन्म होता है जो बाद मे बड़ा स्वरूप ले लेता है |
जीवन की सबसे बड़ी समस्या का ज्ञान जिस दिन हो जाएगा उस दिन सभी को बाकी समस्या अपने आप छोटी लगानी शुरू हो जाएगी | आप स्थायी और ऐतिहासिक मूल्यांकन करेगे तो पायेगे की जीवन की सबसे बड़ी समस्या स्वयं जीवन है जो कठिनाइयों से होकर गुजरते हुए कठिनाइयों पर अंत होता है | और यदि जीवन के अंदर जाकर आप देखेगे तो सबसे बड़ी समस्या जीवन को बचाने की है | यानि की समस्या के कई स्वरूपों मे ये दो समस्याएं सबसे बड़ी है | आब आप सोच रहे होंगे की समस्याओ के निदान के लिए क्या करना चाहिये | किसी भी समस्या के परिणामों के विषय मे बार-बार सोचने की अपेक्षा उसको दूर कैसे किया जाए इस बात पर विशेष कार्य करना चाहिये और यदि सभी प्रयासों के बावजूद समस्या समाप्त न हो तो आपको यह सोचना चाहिये की परिस्थिति समय आपके नियंत्रण मे नहीं है और भविष्य मे यह जरूर आपको एक सुखद परिणाम देगा क्योंकि समस्याएं हमेशा हानिकारक हो यह जरूरी नहीं है |
हम जिन व्यक्ति को खुश या सुखी मानते है वास्तव मे उनके जीवन मे भी समस्याए जरूर होती है और उन्हे भी उससे दो चार होना पड़ता है | हम मे और उनमे अंतर सिर्फ इतना है की ओ समस्याओ पर विशेष कार्य करने के बजाय समाधान पर कार्य करते है और अधिकांश लोग समस्याओं पर | आज के दशकों पहले भी लोगों के पास समस्याएं थी पर वो लोग आधुनिकता के शिकार नहीं थे इस लिए समस्याए या तो सीमित थी या फिर ऐसी की उससे उनका कोई नुकसान नहीं होता था | सामूहिकता और परिवरवाद की भावना बड़ी से बड़ी से समस्या से लड़ने का अभूतपूर्व शक्ति प्रदान करती है | तो अब जब भी आपके जीवन मे समस्या आए तो यह जरूर सोचिएगा की दुनिया मे कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं जिसे समस्या न हो और सफल वही है जिसने परिणाम पर कार्य करने के बजाय निदान पर कार्य किया |
डॉ. अजय कुमार मिश्रा (लखनऊ)
drajaykrmishra@gmail.com
तो चलिए सबसे पहले समस्या के बारे मे बात करते है किसी भी परिस्थति या कार्य का आपके अनुरूप न होना एक समस्या है | आप उस परिस्थति मे अनेकों अच्छी बातों को भुलाकर उस समस्या पर ध्यान केंद्रित कर लेते है नतीजन आपके जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ना शुरू हो जाता है | और आपको इसका एहसास तब होता है जब आप उस समस्या की वजह से नई समस्या का निर्माण अपने लिए कर चूके होते है | जब भी कोई समस्या किसी भी व्यक्ति के जीवन मे आती है तो वह दुनियाँ की सबसे बड़ी समस्या इस लिए मानना शुरू कर देता है वह उस समस्या का निदान कम उससे होने वाले नुकसान के बारे मे अधिक सोचता है | मेरा व्यक्तिगत अनुभव समस्याओं को लेकर के यह है की लोगों की अधिकांश समस्या आधुनिकता की वजह से है | और आधुनिकता की ही देन है की पैसे की मांग मे तेजी आयी है | जब पैसों की मांग लोगों की पूरी नहीं होती तो समस्याओ और कठिनाइयों का जन्म होता है जो बाद मे बड़ा स्वरूप ले लेता है |
जीवन की सबसे बड़ी समस्या का ज्ञान जिस दिन हो जाएगा उस दिन सभी को बाकी समस्या अपने आप छोटी लगानी शुरू हो जाएगी | आप स्थायी और ऐतिहासिक मूल्यांकन करेगे तो पायेगे की जीवन की सबसे बड़ी समस्या स्वयं जीवन है जो कठिनाइयों से होकर गुजरते हुए कठिनाइयों पर अंत होता है | और यदि जीवन के अंदर जाकर आप देखेगे तो सबसे बड़ी समस्या जीवन को बचाने की है | यानि की समस्या के कई स्वरूपों मे ये दो समस्याएं सबसे बड़ी है | आब आप सोच रहे होंगे की समस्याओ के निदान के लिए क्या करना चाहिये | किसी भी समस्या के परिणामों के विषय मे बार-बार सोचने की अपेक्षा उसको दूर कैसे किया जाए इस बात पर विशेष कार्य करना चाहिये और यदि सभी प्रयासों के बावजूद समस्या समाप्त न हो तो आपको यह सोचना चाहिये की परिस्थिति समय आपके नियंत्रण मे नहीं है और भविष्य मे यह जरूर आपको एक सुखद परिणाम देगा क्योंकि समस्याएं हमेशा हानिकारक हो यह जरूरी नहीं है |
हम जिन व्यक्ति को खुश या सुखी मानते है वास्तव मे उनके जीवन मे भी समस्याए जरूर होती है और उन्हे भी उससे दो चार होना पड़ता है | हम मे और उनमे अंतर सिर्फ इतना है की ओ समस्याओ पर विशेष कार्य करने के बजाय समाधान पर कार्य करते है और अधिकांश लोग समस्याओं पर | आज के दशकों पहले भी लोगों के पास समस्याएं थी पर वो लोग आधुनिकता के शिकार नहीं थे इस लिए समस्याए या तो सीमित थी या फिर ऐसी की उससे उनका कोई नुकसान नहीं होता था | सामूहिकता और परिवरवाद की भावना बड़ी से बड़ी से समस्या से लड़ने का अभूतपूर्व शक्ति प्रदान करती है | तो अब जब भी आपके जीवन मे समस्या आए तो यह जरूर सोचिएगा की दुनिया मे कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं जिसे समस्या न हो और सफल वही है जिसने परिणाम पर कार्य करने के बजाय निदान पर कार्य किया |
डॉ. अजय कुमार मिश्रा (लखनऊ)
drajaykrmishra@gmail.com