मनोवैज्ञानिकों ने खुश रहने के तरीके भी बताए
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जौनपुर।व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग द्वारा " उन्नत मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य: मनोचिकित्सा के क्षेत्र में नवीन प्रगति" विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार का आयेजन किया गया। यह वेबिनार 29 मई तक चलेगा।
बुद्धवार को उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि
महात्मा गांधी विद्यापीठ वाराणसी के मनोविज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफ़ेसर जी पी ठाकुर ने कहा कि मनोचिकित्सा अनंत मन का उपचार करती है। मनोचिकित्सा लोगों के जीवन में खुशहाली आ रही है इसका उद्देश्य व्यक्ति को नकारात्मक से सकारात्मक करना है।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर रामजी लाल श्रीवास्तव ने विपासना पर विस्तार से अपनी बात रखी।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अल्पना अग्रवाल ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनोवैज्ञानिक तौर पर सबको जोड़ने के लिए ताली बजाने से लेकर दिया जलाने की बात की थी। इससे कोई अपने को अकेला महसूस ना करें और मुसीबत में एकजुट होकर लड़े।
पुणे की सैंडी डायस ने माइंडफुलनेस एवं वर्तमान में कैसे जिए पर अभ्यास कराया। साथी ध्यान केंद्रित करने के तरीकों को भी बताया। उन्होंने कहा कि अवसाद ग्रस्त व्यक्तियों को अपने भविष्य व भूत की बातों पर ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए बल्कि वर्तमान में जीना चाहिए इससे ही समस्या का समाधान होता है।
इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में प्रतिदिन विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किए जाएंगे। संचालन सेमिनार की संयोजक व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर अन्नू त्यागी एवं तकनीकी सहयोग नैदानिक मनोवैज्ञानिक ज्योत्सना गुलाटी ने दिया| सेमिनार में शिक्षक, विद्यार्थी, शोधार्थी एवं मनोवैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया।