हिंदी पत्रकारिता हमारी मातृभाषा से जुड़ी हुई है
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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि प्रख्यात यात्रा लेखिका, ब्लॉगर एवं फोटोग्राफर डॉ कायनात काजी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हिंदी के पत्रकारों ने सामाजिक घटनाओं का सजीव चित्रण किया है। हिंदी पत्रकारिता ने मजदूरों के पलायन के मुद्दे को संवेदनशीलता के साथ उठाकर सरकारों को जगाया है। उन्होंने कहा कि यह लॉकडाउन का दौर आत्म विश्लेषण का है। देश के तमाम हिस्सों में पत्रकार कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं फिर भी उनके मनोबल में कहीं कोई कमी नहीं हो रही है। आने वाला समय तमाम तरह की चुनौतियों को लेकर आएगा इनसे निपटने के लिए हमें तैयार रहने की जरूरत है।
विभागाध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता हमारी मातृभाषा से जुड़ी हुई है। यह हिंदी के प्रख्यात साहित्यकारों के संरक्षण में पली बढ़ी है। आज की पीढ़ी को इसे समृद्ध करने में अपना योगदान देना चाहिए।
विभाग के शिक्षक डॉ अवध बिहारी सिंह ने हिंदी भाषा के पहले समाचार पत्र उदंत मार्तंड पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हिंदी पत्रकारिता आज जनता की आवाज बन चुकी है। डॉक्टर सुनील कुमार ने कहा कि आज पत्रकारों को विभिन्न तकनीकों के ज्ञान की आवश्यकता पढ़ रही है प्रिंट मीडिया से जुड़ा पत्रकार डिजिटल पत्रकारिता भी कर रहा है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ दिग्विजय सिंह राठौर एवं तकनीकी सहयोग छात्र वीर बहादुर सिंह ने दिया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ चंदन सिंह ने दिया। इस अवसर पर विभाग के विद्यार्थीगण मौजूद रहे।