श्रमिकोें के लिए चार लाख मानव दिवस सृजित
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जौनपुर । मनरेगा में पहले जहां लक्ष्य के सापेक्ष मानव दिवस ही सृजित नहीं हो पाते थे, वहीं अब महानगरों से आने वाले श्रमिकों के कारण इसके आंकड़ों में लंबी छलांग लग गई है। मजदूर गांवों में ही मजदूरी कर रहे हैं वहीं प्रशासन द्वारा तय विकास कार्य भी जोरों पर हो रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो रोजगार दिलाने के उद्देश्य से मई माह में अप्रैल के सापेक्ष चार लाख से अधिक मानव दिवस सृजित हुए हैं। इससे जिला प्रशासन भी गदगद है। शासन स्तर से अप्रैल माह के लिए मानव दिवस का लक्ष्य पांच लाख, 41 हजार, 24 रखा गया था, इसके सापेक्ष एक लाख, 72 हजार, 713 मानव दिवस सृजित हुए। वहीं मई माह के लिए छह लाख, 42 हजार, 285 मानव दिवस के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक पांच लाख, 54 हजार, 804 मानव दिवस का सृजन हुआ है। 20 अप्रैल से मनरेगा का कार्य गांव में युद्ध स्तर पर शुरू किया गया है। हालांकि विभाग की मानें तो लॉकडाउन के दो माह का लक्ष्य एक साथ पूरा कर लिया जाएगा। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि 20 अप्रैल से 30 अप्रैल तक महज 1 लाख, 58 हजार तो एक से 27 मई तक 5 लाख 55 हजार मानव दिवस सृजित किए गए। इसमें तालाबों की खोदाई के साथ ही अन्य कार्य हो रहे हैं। विभाग की मानें तो हर दिन मानव दिवस में उतार-चढ़ाव होता रहता है। नए श्रमिकों के आने से मई माह में तेजी जरूर आयी है। नए जाबकार्ड धारकों की संख्या नौ हजार 508 है। इसमें से छह हजार 636 श्रमिकों को रोजगार दिया जा चुका है। इसके अलावा सक्रिय मजदूरों की संख्या मनरेगा में 1 लाख 82 हजार है। ग्राम पंचायतों द्वारा युद्ध स्तर पर काम कराया जा रहा है क्योंकि जून में बारिश शुरू होने पर काम ठप हो जाएगा।