दुकानों पर बढ़ी भीड़ से खतरे का संकेत
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जौनपुर। पूरा देश मे लॉक डाउन का 77 वा दिन का कठिन व्रत आज पूरा हुआ। क्या उस पर भी अब पानी फिर जायेगा? बाजारों से सड़कों तक बढ़ती भीड़ से यह सवाल हर इंसान के मन में यह प्रश्न बनकर उभर रहा है। प्रवासियों के भारी पैमाने पर आगमन के साथ ही लापरवाही बरतने से संक्रमण का तेजी से फैलाव अब गांवों में भी होने लगा है। इनमें बडीं संख्या में लोग असमय काल के गाल में भी समा गए हैं। इसी बीच लॉक डाउन के रियायतों का लोग अब हर दिन नाजायज फायदा उठाते हुए भी दिखाई पड रहे हैं। शायद यही मूल कारण भी है कि कोरोना की महामारी अब शहर से गांवों की तरफ तेजी से रुख कर चुकी है। प्रशासनिक अमला लगातार इस महामारी से जूझ रहा है। अब तो सड़कों पर भी सन्नाटा नहीँ बल्कि शोरगुल के साथ बे रोक , टोक के वाहन फर्राटा भरते देखे जा रहे हैं।उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग से कोई लेना देना नहीं है। बैको मे खाता धारको की भीड़ इस कदर दिखाई पड.रही हैं मानो उन्हें सोशल डिस्टेसिग से कोई लेना देना नहीं है पुलिस भी थके कदमो से डांट फटकार कर ज्यों ही आगे बढ़ रही लोग फिर लाइन तोड़ देते है। दुकानदारों का कहना है कि लोगों को समझा समझा कर वे भी थक गए हैं। इंसान यदि स्वयं जागरूक नहीँ होगा तो हर किसी को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा ।कहीं बाजारों की यह भीड़ सरकार के द्वारा किए जा रहे अथक प्रयास पर पानी न फेर दे ऐसे सवाल लोगों के जेहन में आने लगे हैं। आम लोग सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते दिखे तो बगल के एक बैंक की शाखा व तमाम दुकानों पर जुटी भीड़ एक दूसरे से लगभग सट कर खड़ी थी। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में भी लगभग यही हाल है। भीड़ नियंत्रण के लिए यदि तत्काल कोई उपाय नहीँ हुआ तो जौनपुर के सुजानगंज क्षेत्र में कोरोना विस्फोट बे काबू भी हो सकता है। इस संदर्भ मे थानाध्यक्ष सुजानगंज अजय सिंह ने बताया कि लोगों को बाजारों में फ्लैग मार्च के द्वारा जागरूक करते हुए लोगों के ऊपर दंडात्मक कार्रवाई भी की जा रही है।