डयुटी लगाने में बीएसए कर रहे पक्षपात,कर्मियों में रोष
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जौनपुर। कोरोना की ड्यूटी रोटेट चल रही है लेकिन जौनपुर एक ऐसा जिला है जहां के बेसिक शिक्षा अधिकारी केवल 60 लोगों से ही ड्यूटी कराना अपना कर्तव्य समझते हैं और चेक करने के बाद वेतन रोकने की धमकी भी देते हैं। इसके कारण कर्मचारियों व शिक्षकों में रोष व्याप्त है लेकिन हैरत की बात है कि छोटे मामलों में भी विरोध जताने वाला प्राथमिक शिक्षक संघ इस बारे में चुप्पी साधे है। जबकि इसी नाम से कई संगठन है और कर्मचारी वहां अपनी आवाज उठाने से क्यों परहेज कर रहे है। ज्ञात हो किबीते 21 मई से जौनपुर जंक्शन पर प्रवासियों की व्यवस्था में शिक्षा विभाग के 50 लोगों की ड्युटी लगायी गयी जिसे बाद में बढ़ाकर 60 कर दिया गया है। डयुटी दो पालियों में सवेरे सात से अपरान्ह दो बजे तक तथा अपरान्ह दो बजे से रात 9 बजे तक तक की होती है। डयुटी करने वालों में बहुत से लोगों की तबीयत भी खराब हो गई है और भी तमाम लोग हैं, न उनसे ड्यूटी ली जा रही है, नही उनका वेतन रोकने की ही कोई बात है। बीएसए की मनमानी है कि जो कार्य कर रहे हैं उनसे कार्य भी लिया जा रहा है और उनको धमकी भी दी जा रही है। और 11000 शिक्षक 3000 शिक्षामित्र अनुदेशक बैठाकर वेतन देने में अपने को गर्व गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। यदि 60 लोगों में से कई बीमार भी हैं, यदि किसी को भी कुछ प्रॉब्लम आती है उसकी सारी जिम्मेदारी बीएसए की होगी। इस बारे में बातचीत के लिए बीएसए के मोबाइल फोन पर कई बार घंटी बजाया, किन्तु उन्होंने फोन नहीं उठाया।