कोरोना महामारी से मृत्यु दर घटकर हुई एक तिहाई
https://www.shirazehind.com/2020/04/blog-post_334.html
हिमांशु श्रीवास्तव
जौनपुर। कोरोना महामारी के कारण 22 मार्च को जनता कर्फ्यू एवं उसके बाद से लॉकडाउन चल रहा है।लॉक डाउन के कारण लोग घरों से कम निकल रहे हैं।इमरजेंसी में ही निकलते हैं।कोरोना से जिले में अभी तक कोई मृत्यु नहीं हुई है।साथ ही जिले की सामान्य मृत्यु दर भी घट गई है।
रामघाट पर लकड़ी की दुकान करने वाले एवं घाट पर संरक्षक की भूमिका अदा करने वाले रतन सिंह चौहान ने बताया कि लॉक डाउन के पहले प्रतिदिन 80 से 90 व कभी-कभी 100 शवों का रोजाना दाह संस्कार होता था लेकिन 22 मार्च 2020 से अब तक मात्र 30 से 35 शवों का रोजाना दाह संस्कार होता है।
उसने बताया कि जिले से सटे आजमगढ़ के तथा न केवल शहर के बल्कि विभिन्न थाना क्षेत्रों से शव दाह संस्कार के लिए लॉकडाउन लाए जाते हैं। ऐसा नहीं है कि केवल शहर के अंदर के लोगों की ही मृत्यु पर उनके शव लाए जाते हैं।इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि मृत्यु दर में एक तिहाई कमी कोरोना की वजह से लॉकडाउन होने के कारण आई है।
इस संबंध में अधिवक्ता पंकज श्रीवास्तव, विनोद श्रीवास्तव,प्रवीण सिंह, सिद्धार्थ सिंह,विनय सिंह व बृजेश निषाद से बातचीत की गई तो बताया कि इसके कई कारण हैं पहला कारण कि लोग घरों से निकल नहीं रहे हैं इस वजह से दुर्घटना में कमी आई है।आए दिन सड़क दुर्घटना में लोगों की मृत्यु होती थी।दूसरा कारण कुछ डॉक्टरों की गलती एवं अत्यधिक रुपए बनाने के चक्कर में अत्यधिक दवाएं व इंजेक्शन इत्यादि देने से भी लोगों की असमय मृत्यु हो जाती थी।इस समय कई प्राइवेट डॉक्टर मरीजों को नहीं देख पा रहे हैं।इस वजह से भी मृत्यु दर में कमी आई है क्योंकि ऐसा तो नहीं है कि लोग लॉकडाउन में गंभीर रूप से बीमार नहीं हो रहे हैं बीमार तो लोग हो ही रहे हैं लेकिन क्षेत्रीय सामान्य डॉक्टर को दिखा कर लोग ठीक भी हो जा रहे हैं।तीसरा लोगों का खान-पान भी काफी सुधरा हुआ है।लोग सामान्य घर का भोजन कर रहे हैं।बाहर का खाना नहीं खा रहे हैं जिससे बीमारियां कम हो रही है।चौथा बाहर निकलने के कारण लोग प्रदूषण से भी मुक्त रहते हैं तथा कामकाज का तनाव भी उन्हें नहीं रहता है जिससे लोगों का स्वास्थ्य पहले से बेहतर हो रहा है यह सभी कारक है कि लोगों की मृत्यु दर में कमी आई है। लोगों को डर है तो सिर्फ एक कि को रोने से पीड़ित ना होने पाए इसी वजह से लोग आवश्यक होने पर ही बाहर निकल रहे हैं और काफी सावधानियां बरत रहे हैं।इस प्रकार कोरोना की बीमारी आने के कारण हुए लॉक डाउन के तमाम फायदे हुए।भारत में कोरोना से तो उतनी मृत्यु नहीं हुई है जितनी दुर्घटनाओं एवं विभिन्न बीमारियों के कारण के कारण हो जाती थी।
जौनपुर। कोरोना महामारी के कारण 22 मार्च को जनता कर्फ्यू एवं उसके बाद से लॉकडाउन चल रहा है।लॉक डाउन के कारण लोग घरों से कम निकल रहे हैं।इमरजेंसी में ही निकलते हैं।कोरोना से जिले में अभी तक कोई मृत्यु नहीं हुई है।साथ ही जिले की सामान्य मृत्यु दर भी घट गई है।
रामघाट पर लकड़ी की दुकान करने वाले एवं घाट पर संरक्षक की भूमिका अदा करने वाले रतन सिंह चौहान ने बताया कि लॉक डाउन के पहले प्रतिदिन 80 से 90 व कभी-कभी 100 शवों का रोजाना दाह संस्कार होता था लेकिन 22 मार्च 2020 से अब तक मात्र 30 से 35 शवों का रोजाना दाह संस्कार होता है।
उसने बताया कि जिले से सटे आजमगढ़ के तथा न केवल शहर के बल्कि विभिन्न थाना क्षेत्रों से शव दाह संस्कार के लिए लॉकडाउन लाए जाते हैं। ऐसा नहीं है कि केवल शहर के अंदर के लोगों की ही मृत्यु पर उनके शव लाए जाते हैं।इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि मृत्यु दर में एक तिहाई कमी कोरोना की वजह से लॉकडाउन होने के कारण आई है।
इस संबंध में अधिवक्ता पंकज श्रीवास्तव, विनोद श्रीवास्तव,प्रवीण सिंह, सिद्धार्थ सिंह,विनय सिंह व बृजेश निषाद से बातचीत की गई तो बताया कि इसके कई कारण हैं पहला कारण कि लोग घरों से निकल नहीं रहे हैं इस वजह से दुर्घटना में कमी आई है।आए दिन सड़क दुर्घटना में लोगों की मृत्यु होती थी।दूसरा कारण कुछ डॉक्टरों की गलती एवं अत्यधिक रुपए बनाने के चक्कर में अत्यधिक दवाएं व इंजेक्शन इत्यादि देने से भी लोगों की असमय मृत्यु हो जाती थी।इस समय कई प्राइवेट डॉक्टर मरीजों को नहीं देख पा रहे हैं।इस वजह से भी मृत्यु दर में कमी आई है क्योंकि ऐसा तो नहीं है कि लोग लॉकडाउन में गंभीर रूप से बीमार नहीं हो रहे हैं बीमार तो लोग हो ही रहे हैं लेकिन क्षेत्रीय सामान्य डॉक्टर को दिखा कर लोग ठीक भी हो जा रहे हैं।तीसरा लोगों का खान-पान भी काफी सुधरा हुआ है।लोग सामान्य घर का भोजन कर रहे हैं।बाहर का खाना नहीं खा रहे हैं जिससे बीमारियां कम हो रही है।चौथा बाहर निकलने के कारण लोग प्रदूषण से भी मुक्त रहते हैं तथा कामकाज का तनाव भी उन्हें नहीं रहता है जिससे लोगों का स्वास्थ्य पहले से बेहतर हो रहा है यह सभी कारक है कि लोगों की मृत्यु दर में कमी आई है। लोगों को डर है तो सिर्फ एक कि को रोने से पीड़ित ना होने पाए इसी वजह से लोग आवश्यक होने पर ही बाहर निकल रहे हैं और काफी सावधानियां बरत रहे हैं।इस प्रकार कोरोना की बीमारी आने के कारण हुए लॉक डाउन के तमाम फायदे हुए।भारत में कोरोना से तो उतनी मृत्यु नहीं हुई है जितनी दुर्घटनाओं एवं विभिन्न बीमारियों के कारण के कारण हो जाती थी।