अब स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करना पड़ेगा भारी


किसी के जीवन को बचाने मे ईश्वर के पश्चात किसी का नाम लिया जाता है, तो वह है स्वास्थ्यकर्मी | विगत कुछ वर्षों से, इलाज के दौरान या अन्य वजहों से किसी की मृत्यु होने पर स्वास्थ्यकर्मीयो पर हमला किया जा रहा था | जिससे स्वास्थ्यकर्मीयो द्वारा देश व्यापी हड़ताल भी किया गया था | हमारे नियमित जीवन मे अनेक स्तर पर स्वास्थ्यकर्मीयो का अभिन्न योगदान है | अधिकांश लोग इस बात को भलीभाँति समझते है, जबकि कुछ लोग आवेश मे आकर के तोडफोड़ के साथ-साथ उनपर हमला तक कर देते है | कोरोनावायरस के केस मे वृद्धि होने से स्वास्थ्यकर्मीयो पर अधिक भार पड़ा है | अपनी निजी आवश्यकताओं की पूर्ति को छोड़कर लोगों की जान बचाने मे लगातार लगें हुए है | आप कई स्वास्थ्यकर्मीयो के वीडियोज़ को भी देख चूकें होंगे जो अपने परिवार से मिलने के बजाय, दूर से ही देखकर, पुनः अपने कार्य मे लग जा रहें है | देश मे इस महामारी को रोकने मे ये लोग श्री कृष्ण की भूमिका मे लगें हुए है |

विगत दिनों की घटनाओं ने हम सभी को अंदर से झझकोर कर रख दिया था, की जो लोग जान बचाने मे लगें है उन्ही पर पत्थर क्यों चलाए जा रहें ? उन पर जान लेवा हमले क्यों किए जा रहे है ? और इस तरह की घटनाओं पर नियंत्रण कैसे हो ? ऐसे ढेरों प्रश्न सभी के दिमाक मे चल रहे थे | उत्तर प्रदेश एक मात्र ऐसा राज्य है जिसने इस संदर्भ मे कठोर निर्णय लिया हुआ है | आज केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर स्वास्थ्यकर्मीयो पर हमले होने पर कठोर सजा की घोषणा की है | इसको अत्यधिक प्रभावशाली बनाने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने 123 साल पुराने महामारी क़ानून को अपग्रेड करते हुए उसमें कई संसोधन किए है  

अब किसी भी स्वास्थ्यकर्मी पर हमला करने पर, हमला करने वालों को जमानत नहीं मिलेगी, 30 दिन के अंदर इसकी जांच पूरी की जाएगी | एक साल के अंदर फैसला लाया जाएगा और 3 महीने से 5 साल तक की सजा हो सकती है | इसे साथ – साथ गंभीर मामलों में 6 महीने से 7 साल तक की भी सजा का प्रावधान है | गंभीर मामलों में 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा | अध्यादेश के अनुसार, अगर किसी ने स्वास्थ्यकर्मी की गाड़ी पर हमला किया तो मार्केट वैल्यू का दोगुना ज्यादा भरपाई भी करनी होगी |

सरकार के इस अध्यादेश के आ जाने से अब न केवल उनके हितों की रक्षा हो सकती है बल्कि पहले से अधिक निश्चिंत होकर लोगों का इलाज कर सकते है | ऐसे लोग जो दुर्भावना से स्वास्थ्यकर्मीयो पर हमला करने की सोच भी रहे है उनके लिए यह अध्यादेश एक अच्छे पाठ से कम नहीं है | किसी भी स्वास्थ्यकर्मी पर, किसी भी कारण से, हमला या उनका नुकशान नहीं करना चाहिये, अन्यथा कानून सजा मिलेगी |


डॉ. अजय कुमार मिश्रा (लखनऊ)

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