तब्लीगी जमातियों की सूचना देने पर डीएम अलग पुरस्कार देंगे और एसपी अलग !
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हिमांशु श्रीवास्तव
जौनपुर। कोरोना महामारी का प्रतिशत बढ़ाने में तब्लीगी जमातियों की भूमिका को ध्यान में रखते हुए छुपे हुए जमातियों का पता लगाने के लिए जिले के दो आला अधिकारियों ने अलग-अलग इनाम की घोषणा करके असमंजस की स्थिति पैदा कर दिया है।पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार द्वारा छुपे हुए तब्लीगी जमातियो का पता बताने वाले को सूचना सच होने पर 10,000 इनाम देने की घोषणा की गई इसके 3 दिन बाद जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह द्वारा तब्लीगी जमातियों के छुपे होने की सूचना देने वाले को 5100 इनाम देने की घोषणा कर दी गई जिससे जनता में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई कि वास्तव में इनाम की धनराशि क्या है?इतनी बड़ी महामारी और इतने महत्वपूर्ण बिंदु पर इस तरह की अलग-अलग घोषणाएं तमाम सवाल उत्पन्न करती है। निश्चित रूप से जमाती जिले में अभी भी छुपे हुए हैं इसीलिए इनाम की घोषणा की गई है।पुलिस अभी तक छिपे हुए जमातियों को पकड़ने में नाकाम रही है इसलिए जनता का सहयोग लिया जा रहा है लेकिन तालमेल के अभाव के कारण लक्ष्य तक पहुंचना मुश्किल प्रतीत हो रहा है।
कहीं ऐसा तो नहीं की जमातियों की सूचना देने पर सूचना सही पाए जाने पर पुलिस अधीक्षक अलग इनाम देंगे और डीएम अलग!जाहिर है कि बिना पुलिस की मदद की जमातियों को पकड़ना मुश्किल है जनता अगर इसमें सहयोग कर देगी तो कार्य आसान हो जाएगा।ऐसी स्थिति में अलग-अलग इनाम की घोषणा मतभेद का संकेत उत्पन्न करता है जो इच्छित लक्ष्य की प्राप्ति में रुकावट पैदा कर सकता है तब्लीगी जमातियों का पकड़ा जाना अत्यंत आवश्यक है।भले ही पूर्व के कोरोना पीड़ित ठीक हो गए हों लेकिन खतरा अभी टला नहीं है जब तक जमाती छुपे हुए हैं।तब्लीगी मरकज से निकले रोहिंग्या मुसलमान भी सरकार के लिए तनाव का विषय बने हुए हैं। जमात में शामिल जिले में 14 बांग्लादेशी,तेरह दिल्ली के, 12 मेरठ के इसके अलावा अन्य जिले व प्रांतों के सबसे अधिक जमाती अलग-अलग धाराओं में आरोपी बनाए गए हैं और जिले में क्वॉरेंटाइन व अस्थाई जेल में रखे गए हैं।
जौनपुर। कोरोना महामारी का प्रतिशत बढ़ाने में तब्लीगी जमातियों की भूमिका को ध्यान में रखते हुए छुपे हुए जमातियों का पता लगाने के लिए जिले के दो आला अधिकारियों ने अलग-अलग इनाम की घोषणा करके असमंजस की स्थिति पैदा कर दिया है।पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार द्वारा छुपे हुए तब्लीगी जमातियो का पता बताने वाले को सूचना सच होने पर 10,000 इनाम देने की घोषणा की गई इसके 3 दिन बाद जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह द्वारा तब्लीगी जमातियों के छुपे होने की सूचना देने वाले को 5100 इनाम देने की घोषणा कर दी गई जिससे जनता में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई कि वास्तव में इनाम की धनराशि क्या है?इतनी बड़ी महामारी और इतने महत्वपूर्ण बिंदु पर इस तरह की अलग-अलग घोषणाएं तमाम सवाल उत्पन्न करती है। निश्चित रूप से जमाती जिले में अभी भी छुपे हुए हैं इसीलिए इनाम की घोषणा की गई है।पुलिस अभी तक छिपे हुए जमातियों को पकड़ने में नाकाम रही है इसलिए जनता का सहयोग लिया जा रहा है लेकिन तालमेल के अभाव के कारण लक्ष्य तक पहुंचना मुश्किल प्रतीत हो रहा है।
कहीं ऐसा तो नहीं की जमातियों की सूचना देने पर सूचना सही पाए जाने पर पुलिस अधीक्षक अलग इनाम देंगे और डीएम अलग!जाहिर है कि बिना पुलिस की मदद की जमातियों को पकड़ना मुश्किल है जनता अगर इसमें सहयोग कर देगी तो कार्य आसान हो जाएगा।ऐसी स्थिति में अलग-अलग इनाम की घोषणा मतभेद का संकेत उत्पन्न करता है जो इच्छित लक्ष्य की प्राप्ति में रुकावट पैदा कर सकता है तब्लीगी जमातियों का पकड़ा जाना अत्यंत आवश्यक है।भले ही पूर्व के कोरोना पीड़ित ठीक हो गए हों लेकिन खतरा अभी टला नहीं है जब तक जमाती छुपे हुए हैं।तब्लीगी मरकज से निकले रोहिंग्या मुसलमान भी सरकार के लिए तनाव का विषय बने हुए हैं। जमात में शामिल जिले में 14 बांग्लादेशी,तेरह दिल्ली के, 12 मेरठ के इसके अलावा अन्य जिले व प्रांतों के सबसे अधिक जमाती अलग-अलग धाराओं में आरोपी बनाए गए हैं और जिले में क्वॉरेंटाइन व अस्थाई जेल में रखे गए हैं।