किताबों से दोस्ती करने वाले कभी अकेले नहीं होते :प्रो मानस
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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय के मानस पुस्तकालय अध्यक्ष प्रोफ़ेसर मानस पांडे ने विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों से पुस्तक की महत्ता और लेखन में नैतिकता पर चर्चा की।
व्यवसायिक अर्थशास्त्र विभाग के विद्यार्थियों से ऑनलाइन उन्होंने कहा कि 23 अप्रैल 1995 को पहली बार यूनेस्को द्वारा विश्व पुस्तक दिवस की शुरुआत की गई थी वर्ष 2001 से भारत सरकार ने विश्व पुस्तक दिवस मनाने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि जीवन में किताबें सच्ची दोस्त होती हैं। किताबों से दोस्ती करने वाले कभी जीवन में अकेले नहीं होते। आज की पीढ़ी में किताबें पढ़ने की आदत कम होती जा रही है इसे प्रोत्साहित करना होगा। विद्यार्थियों से उन्होंने अपील की कि अपने विषय का संपूर्ण ज्ञान अर्जित करने के लिए किताबों को पढ़ें और आगे बढ़े।
उन्होंने कॉपीराइट पर भी प्रकाश डाला। कहा कि लेखकों द्वारा जो सृजन किया जाता है उस पर उनका अधिकार होता है। लेखन में नैतिकता का ध्यान रखना चाहिए।