पूर्व मंत्री संगीता यादव अब दहेज रूपी कुप्रथा से जंग लड़ने के उतरी मैदान में
https://www.shirazehind.com/2020/03/blog-post_715.html
जौनपुर। पूर्व मंत्री संगीता यादव अब राजनीति के अलावा समाज में फैली कुरितियों की कमर तोड़ने के लिए आगे आ गयी है। उनका पहला कदम दहेज प्रथा को देश से समाप्त करना है। यह अभियान उन्होने बीते 16 फरवरी से शुरू किया है लेकिन आज राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर उन्होने मीडिया के माध्यम से जन जन तक पहुंचाकर अपने अभियान में भागीदारी करने की अपील जनता से किया है। उन्होने यह भी कहा कि यदि इस आन्दोलन को चलाने में राजनीति आड़े आयेगी तो उसे मैं त्याग दूंगी। संगीता ने कहा मैं खुद दहेज उत्पीड़न का शिकार हो चुकी हूं इस लिए मुझे ऐसी पीड़ित महिलाओ का दर्द बखूबी पता है।
संगीता ने कहा कि महिलाओ की सुरक्षा के लिए कई कठोर कानून बना है लेकिन जिम्मेदारों सही तरीके से उसका अनुपालन न करने के कारण बेटियों को दहेज के दरिन्दों द्वारा जलाया जाता है। यह कुरीति समाज में बहन बेटियों के लिए एक गम्भीर समस्या बन चुकी है। इससे निजात पाने के लिए अब संघर्ष करना पड़ेगा। महिला सशक्तिकरण के अवसर पर हमनें इसके खिलाफ आन्दोलन चलाने का संकल्प लिया है। पूर्व मंत्री ने कहा कि आज समूचे महिला समाज को इस कुरीति के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है तभी बेटियों को समाज में न्याय मिल सकेगा। साथ यह भी कहा कि आज समाज में बहन बेटियों के साथ दहेज के अलावां बलात्कार एवं प्रताड़ना जैसी जघन्य अपराधिक घटनाये हो रही है। लेकिन किसी भी स्तर पर इसके खिलाफ आवाज उठाने का काम किसी भी राजनैतिक दल अथवा समाजिक संगठन के द्वारा नहीं किया जा रहा है। इसी लिए आह्वान है कि महिला को अपने हितों की लड़ाई लड़ने के लिए खुद आगे आना होगा। किसी भी महिला के साथ हो रहे जुर्म का विरोध उसके पड़ोस के लोगों द्वारा नहीं किया जाता है क्या इसके विरोध के लिए अपनी बहन बेटियों के साथ घटना होने का इन्तजार किया जा रहा है। इसका विरोध न होने के कारण दहेज लोभियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। महिला को देवी दुर्गा कहा जाता है इसी की शादी एवं घर बसाने की बात होती है तो बेटियों के पिता माता का शोषण किया जाता है। दहेज न मिलने पर बेटियों को जला कर मार दिया जाता है। यह कुरीति समाज के अमीर गरीब सभी व्याप्त हो गयी है। एक बेटी की शादी के लिए गरीब मां बाप अपनी चल एवं अचल संपत्ति को बेचने को मजबूर हो जाते है। इसके बाद रोटी के लिए दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर हो जाते है। पूर्व मंत्री का मानना है कि नारी जगत जननी सृष्टि की संरचना में इसकी भूमिका अति महत्वपूर्ण है इसके बाद भी इसका उत्पीड़न किया जाता है कितना दुखद है। महिला के बगैर घरों को चलाना बेहद कठिन हो जाता है। आज इस कुरीति के खिलाफ आवाज अकेले उठाया है लेकिन विश्वास है कि जल्द ही इसके खिलाफ एक बड़ा कारवां खड़ा कर दिया जायेगा महिला सशक्तिकरण के दिवस पर शुरू किया गया दहेज के खिलाफ जनान्दोलन जल्द ही पूरे देश में महिलाओं की आवाज बनेगा। संगीता यादव ने बताया कि इस अभियान को गति देने के लिए हमारा संगठन गांव से लेकर प्राथमिक विद्यालयो में तेजी के साथ जन जागरण चलाने जा रहा है। ताकि महिलाओं में जागरूकता पैदा किया जा सके। इसे एक जिले तक सीमित रखने के बजाय पूरे देश में दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज उठायी जायेगी। दहेज रूपी दानव को रोकने के लिए उसके के खिलाफ सरकार ने कानून तो बनाए गये लेकिन उसके अनुपालन में खासी लापरवाहीयां बरती गयी है जिसका परिणाम आज सामने है। आज बेटियां हर क्षेत्र में पुरुष के साथ कन्धे से कन्धा मिला कर चल रही है फिर इनके साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। श्रीमती यादव ने कहा कि दहेज रूपी दानव से लड़ने के लिए जल्द ही महिलाओं की टीम जिला से लेकर प्रदेश तक गठित कर लिया जायेगा। एक सवाल के जवाब में कहा कि महिलाओं के सम्मान एवं हितो के लिए बनाया जाने वाला संगठन पूर्णतः गैर राजनैतिक रहेगा।
संगीता ने कहा कि महिलाओ की सुरक्षा के लिए कई कठोर कानून बना है लेकिन जिम्मेदारों सही तरीके से उसका अनुपालन न करने के कारण बेटियों को दहेज के दरिन्दों द्वारा जलाया जाता है। यह कुरीति समाज में बहन बेटियों के लिए एक गम्भीर समस्या बन चुकी है। इससे निजात पाने के लिए अब संघर्ष करना पड़ेगा। महिला सशक्तिकरण के अवसर पर हमनें इसके खिलाफ आन्दोलन चलाने का संकल्प लिया है। पूर्व मंत्री ने कहा कि आज समूचे महिला समाज को इस कुरीति के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है तभी बेटियों को समाज में न्याय मिल सकेगा। साथ यह भी कहा कि आज समाज में बहन बेटियों के साथ दहेज के अलावां बलात्कार एवं प्रताड़ना जैसी जघन्य अपराधिक घटनाये हो रही है। लेकिन किसी भी स्तर पर इसके खिलाफ आवाज उठाने का काम किसी भी राजनैतिक दल अथवा समाजिक संगठन के द्वारा नहीं किया जा रहा है। इसी लिए आह्वान है कि महिला को अपने हितों की लड़ाई लड़ने के लिए खुद आगे आना होगा। किसी भी महिला के साथ हो रहे जुर्म का विरोध उसके पड़ोस के लोगों द्वारा नहीं किया जाता है क्या इसके विरोध के लिए अपनी बहन बेटियों के साथ घटना होने का इन्तजार किया जा रहा है। इसका विरोध न होने के कारण दहेज लोभियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। महिला को देवी दुर्गा कहा जाता है इसी की शादी एवं घर बसाने की बात होती है तो बेटियों के पिता माता का शोषण किया जाता है। दहेज न मिलने पर बेटियों को जला कर मार दिया जाता है। यह कुरीति समाज के अमीर गरीब सभी व्याप्त हो गयी है। एक बेटी की शादी के लिए गरीब मां बाप अपनी चल एवं अचल संपत्ति को बेचने को मजबूर हो जाते है। इसके बाद रोटी के लिए दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर हो जाते है। पूर्व मंत्री का मानना है कि नारी जगत जननी सृष्टि की संरचना में इसकी भूमिका अति महत्वपूर्ण है इसके बाद भी इसका उत्पीड़न किया जाता है कितना दुखद है। महिला के बगैर घरों को चलाना बेहद कठिन हो जाता है। आज इस कुरीति के खिलाफ आवाज अकेले उठाया है लेकिन विश्वास है कि जल्द ही इसके खिलाफ एक बड़ा कारवां खड़ा कर दिया जायेगा महिला सशक्तिकरण के दिवस पर शुरू किया गया दहेज के खिलाफ जनान्दोलन जल्द ही पूरे देश में महिलाओं की आवाज बनेगा। संगीता यादव ने बताया कि इस अभियान को गति देने के लिए हमारा संगठन गांव से लेकर प्राथमिक विद्यालयो में तेजी के साथ जन जागरण चलाने जा रहा है। ताकि महिलाओं में जागरूकता पैदा किया जा सके। इसे एक जिले तक सीमित रखने के बजाय पूरे देश में दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज उठायी जायेगी। दहेज रूपी दानव को रोकने के लिए उसके के खिलाफ सरकार ने कानून तो बनाए गये लेकिन उसके अनुपालन में खासी लापरवाहीयां बरती गयी है जिसका परिणाम आज सामने है। आज बेटियां हर क्षेत्र में पुरुष के साथ कन्धे से कन्धा मिला कर चल रही है फिर इनके साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। श्रीमती यादव ने कहा कि दहेज रूपी दानव से लड़ने के लिए जल्द ही महिलाओं की टीम जिला से लेकर प्रदेश तक गठित कर लिया जायेगा। एक सवाल के जवाब में कहा कि महिलाओं के सम्मान एवं हितो के लिए बनाया जाने वाला संगठन पूर्णतः गैर राजनैतिक रहेगा।