संतो के संगत मे रहने से कर्म अच्छे हो जाते हैं
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जौनपुर । (जमैथा )हम अच्छे कर्म करते है तो हमारे पितर खुश होते है । देवता प्रसन्न होते है और हमारे पितरो को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। मनुष्य को सदैव अच्छे कर्म करना चाहिए । आप कही भी रहें उचित कर्म का ख्याल रखे । किसी भी पद पर आप आसीन हो लेकिन आपका कर्म न्याय संगत हो । यमदग्नि पुरम जमैथा गांव मे आदि गंगा गोमती के पावन तट स्थित यमदग्नि धाम पर मे चल रहे सात द्विवसीय श्री राम कथा अमृत वर्षा के कथा वाचक व्यास संदीप कृष्ण जी महाराज ने कहा । भक्तो को कथा सुनाते हुए कृष्ण महाराज ने कहा कि सदैव सत्य का पालन करना चाहिए ।उचित कर्म करना चाहिए । यदि हम इसके विपरीत कार्य करते है तो हमारे पितरो को दुख पहुंचता है यहां तक कि पितरो को नर्क मे धकेल दिया जाता है । भक्त गण को कथा सुनाते हुए महाराज ने कहा कि धर्म मे मन लगाना श्रेयस्कर है । काम क्रोध मद लोभ यह चार मनुष्य को भवसागर से निकलने नही देते। और अन्त समय मे ब्यक्ति को पछतावा मिलता है । मोह -माया के दृष्टांत को सौदाहरण बताते हुए संदीप महाराज ने कहा कि जब तक मनुष्य जीवित है तब तक उसे अपने लगते है ।सब कुछ अच्छा लगता है । लेकिन जब आत्मा यह शरीर छोड़ देती है तब कोई साथ नही जाता केवल और केवल आपके सत्कर्म ही साथ जाता है । प्रतिदिन संगीत मय राम कथा मे श्रद्धालु श्रोताओ की भीड़ कथा का आनंद उठा रही है । आयोजक रजनीश शुक्ल मोनू ,प्रणविजय सिह , हरिपाल सिह सुधाकर विश्वकर्मा राधेश्याम सहित सैकड़ो भक्तगण मौज़ूद रहे ।