वर्तमान शिक्षा में गुरु और शिष्य के बीच विश्वास का संकटः पचौरी
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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट सभागार में बुधवार को भारतीय शिक्षा पद्धति: आयाम और चुनौतियां विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया है।
इस अवसर पर बतौर मुख्य वक्ता भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय महामंत्री डॉ उमाशंकर पचौरी ने कहा कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था के चलते गुरू और शिष्य के बीच विश्वास का संकट पैदा हो गया। शिष्यों में श्रद्धा और समर्पण न होने के चलते शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। उन्होंने कहा कि वहीं शिष्य सफलता की ऊचाइयों पर पहुंचता है जो गुरुमुखी होता है। मनमुखी छात्र के मन में हमेशा गलत करने के विचार आते हैं। ऐसे में मन को स्वामी नहीं सेवक बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा मनुष्य बनाने की थी मगर वर्तमान शिक्षा ने मानव को मशीन बना दिया। उन्होंने ऋषि, वेदों और साख्यिकी का उदाहरण देकर इस बात को विस्तृत रूप से समझाया और कहा कि शिक्षा समाज का विषय है इसका काम समाज को ही करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज विश्वविद्यालय को भी गुरुकुल की तरह चलाने की योजना होनी चाहिए, जहां शिक्षा भारतीय मूल्यों और संस्कृति के अनुरुप हो।
अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ. राजाराम यादव ने कहा कि
विद्यार्थी अपने को बदलने के साथ-साथ अपने गुरुओं पर विश्वास रखना सीखे आज हम गुरु पर कम और मशीन पर ज्यादा विश्वास कर रहे हैं जिसके चलते शिक्षा के स्तर और संस्कार में गिरावट आ रही है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी कच्चा माल की तरह नवीन है शिक्षक में उसे अच्छा बनाने की क्षमता होनी चाहिए। इसके पूर्व भारतीय शिक्षण मंडल के प्रो. मानस पांडेय ने मंचासीन अतिथियों का स्वागत भाषण करते हुए विषय प्रवर्तन किया। इसके बाद अतिथियों और बीएचयू आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान संकाय के प्रो. ओपी सिंह को अंगवस्त्रम और पुस्तक देकर सम्मानित किया गया।
संगोष्ठी का संचालन डा. नीतेश जायसवाल, धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अविनाश पाथर्डीकर और शांतिमंत्र कुंवर सोनू ने किया।
संगोष्ठी में पूर्व विधायक सुरेंद्र प्रताप सिंह, डॉ विजय सिंह, डा राहुल सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. वंदना राय, प्रो. रामनारायन, प्रो. देवराज सिंह, डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ.अमित वत्स, डॉ सुनील कुमार, डॉ. प्रमोद यादव, डॉ.गिरधर मिश्र, डॉ. मनीष गुप्ता, डॉ. आलोक दास, डा. विवेक सिंह, डां. इन्द्रेश कुमार.डॉ. विवेक कुमार पांडेय आदि उपस्थित थे।