पुलिस के हस्तक्षेप के बाद दफनाया गया शव
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जौनपुर। नेवढि़या थाना क्षेत्र के भाऊपुर गांव में शव दफनाने के स्थान को लेकर वर्ग विशेष के ही दो पक्षों के बीच विवाद हो गया। पुलिस के समझाने-बुझाने पर गतिरोध दूर हो गया, तब जाकर 20 घंटे बाद शव दफनाया जा सका।
उक्त गांव निवासी बीमार चल रहे फखरे आलम का रविवार को दोपहर इंतकाल हो गया। स्वजन गांव में ही ईदगाह के पास खेत में जिस स्थान पर उनका शव दफनाने के लिए कब्र की खोदाई करा रहे थे। उस पर पट्टीदार गुलाम रसूल ने एतराज करते हुए रोक दिया। उनका कहना था कि खानदानी जमीन-जायदाद का अभी तक बंटवारा नहीं हुआ है। जिस स्थान पर कब्र की खोदाई कराई जा रही है वह उनके हिस्से में आएगा। मरहूम फखरे आलम के पक्ष के लोगों का कहना था कि इससे पहले इसी जगह पर पट्टीदारी के कई लोगों को दफनाया जा चुका है। दोनों पक्षों के अड़ने से गतिरोध उत्पन्न हो गया। रात में शव दफनाया नहीं जा सका। टकराव की स्थिति उत्पन्न होने पर किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस चौकी भाऊपुर के प्रभारी महेश सिंह मामला संज्ञान में आते ही गंभीरता से लेते हुए सहयोगियों के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने दोनों पक्षों को बैठाकर गतिरोध दूर करने करने का प्रयास शुरू कर दिया। घंटों समझाने के बाद गुलाम रसूल पक्ष ने उसी स्थान पर शव दफनाने के लिए रजामंदी दे दी। तब जाकर 20 घंटे बाद शव दफनाया जा सका। चौकी प्रभारी ने इस बारे में पूछने पर कहा कि शव दफनाए जाने को लेकर पट्टीदारों में विवाद की स्थिति जरूर बनी थी लेकिन तनाव जैसी कोई बात नहीं थी। समझाने पर गतिरोध दूर हो गया। दोनों पक्षों को विवाद को हमेशा के लिए आपसी सहमति से निबटा लेने को कहा गया है।